सकरी ने निगम में शामिल होने से किया इंकार..जनप्रतिनिधियों ने कहा….गरीब जनता कैसे भरेगी भारी भरकम टैक्स

BHASKAR MISHRA
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बिलसापुर—- सकरी नगर पंचायत के पार्षद और स्थानीय जागरूक नागरिकों ने क्षेत्र को नगर निगम में शामिल किए जाने का विरोध किया है। शिकायत कर्ताओं ने बताया कि सकरी नगर पंचायत क्षेत्र बहुत छोटा और लगातार प्रगति कर रहा है। लाखों रूपयों का निर्माण कार्य भी चल रहा है। आम जनता की सुविधाओं का पूरा ध्यान भी रखा जा रहा है। निगम क्षेत्र  में शामिल होने के बाद क्षेत्र का विकास ना केवल प्रभावित होगा..बल्कि आम जनता को अनेक प्रकार की परेशानियों से जूझना भी पड़ेगा।

             
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                              मंगलवार को सकरी नगर पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नगर निगम क्षेत्र में शामिल होने से इंकार किया है। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि वर्तमान में सकरी नगर पंचायत में आधारभूत संरचनाओं का तेजी से विकास हो रहा है। मुद्रांश शुल्क के रूप में सकरी नगर पंचायत को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में करीब 70 लाख रूपए मिलते है। जिसके चलते निकाय आर्थिक रूप से मजबूत और सक्षम है।

                      वर्तमान समय में सकरी नगर पंचायत में साफ सफाई का काम निजी संसाधनों से हो रहा है। काम धाम को लेकर नागरिक भी संतुष्ट है। सकरी नगर पंचायत का क्षेत्र छोटा है। नगर निगम में शामिल होने के बाद साफ सफाई अभियान का प्रभावित होना स्वभाविक है।

                नगर पंचायत में कुल पन्द्रह पार्षद है। पार्षदों के मांग और जनता से जीवन्त सम्बन्ध के चलते क्षेत्र का विकास तेजी से हुआ है। निगम में शामिल होने के बाद सकरी क्षेत्र को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा। जाहिर सी बात है कि विकास की गति प्रभावित होगी। लोगों में आक्रोश भी पैदा होगा।

                    सकरी नगर निकाय को स्थानीय मद से संसाधनों की पूर्ती होती है। नगर निगम में शामिल होने के बाद वित्तीय संसाधनों में कमी आएगी। इससे लोगों को परेशानी में आना स्वभाविक है। चूंकि सकरी नगर पंचायत की आधी आबादी अनुसूचित जन जाति से है। लोग रोजी मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। नगर में शामिल होने के बाद लोगों को टैक्स पटाने में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल गरीब लोगों का सारा काम सकरी नगर पंचायत पहुंचने पर पूरा हो जाता है। लेकिन नगर निगम में आने के बाद ग्रामीण जनता को परेशानियों से रोजाना दो चार होना पड़ेगा। बेहतर है कि सकरी नगर पंचायत क्षेत्र को नगर निगम का हिस्सा नही बनाया जाए।

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