सख्ती से होगा राजभाषा नीति का पालन

Chief Editor
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raj bhasshaबिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) की कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता ने आज सोमवार को कहा कि राजभाषा नियमों का पालन विश्वविद्यालय में सख्ती से कियाा जाना चाहिए। राजभाषा नीति का पालन सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से आह्वान किया कि वे हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर अनिवार्यतः हिंदी में दें।

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वे विश्वविद्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की सत्रहवीं बैठक में बोल रहीं थीं। बैठक में कुछ संशोधनों के साथ पिछली बैठक के कार्यवृत्त का अनुमोदन किया गया। प्रशासनिक भवन के सभा कक्ष में आयोजित बैठक में इसके बाद राजभाषा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय से प्राप्त त्रैमासिक समीक्षा का गहन विश्लेषण किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता ने समीक्षा में दिए गए बिन्दुओं को गंभीरता से लिया। हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा करते हुए यह निर्णय लिया गया कि सभी विभाग सही जानकारी राजभाषा प्रकोष्ठ को प्रेषित करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग धारा 3(3) के तहत जारी होने वाले द्विभाषी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए गार्ड फाइल बनाएं। धारा 3(3) के तहत आने वाले सभी दस्तावेजों एवं गार्ड फाइल की जानकारी प्रत्येक विभाग को देने की जिम्मेदारी राजभाषा प्रकोष्ठ की है। कुलपति ने कहा कि सभी कार्यालय संधारित आवक-जावक पंजी में भेजे गए एवं प्राप्त पत्र के माध्यम का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए, ताकि सभी जानकारी राजभाषा विभाग को प्रेषित की जा सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी भी पत्र की विषयवस्तु अंग्रेजी में होने पर, उसका सहपत्र हिंदी भाषा में लिखा जाए।

बैठक में प्रमुख रूप से कुलसचिव प्रो.मनीष श्रीवास्तव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.एस.वी.एस.चैहान, अधिष्ठातागण प्रो.ए.एस.रणदिवे, प्रो.जे.एस.दांगी, प्रो.वी.एस.राठौड़, प्रो.एम.के.सिंह, ग्रंथपाल-डाॅ.यू.एन.सिंह, वित्ताधिकारी श्री आर.के.सोनी, सहायक कुलसचिव श्री एस.के.त्रिपाठी, श्री टी.पी.सिंह,  श्रीकांत करडेकर व हिंदी अधिकारी  अखिलेश तिवारी उपस्थित थे।

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