सच्चे दिल से याद करो…भगवान पालनहार हैं..पंडित अनिल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भगवान सच्चे मन से आराधना करने वालों की रक्षा करते हैं। भगवान हमारे आस पास हर जगह है। उनका निवास सबके दिल में है। यदि सच्चे दिल से भगवान को याद किया जाए तो भगवान उसके साथ हर पल रहते हैं। सभी लोग भगवान की संतान हैं। पिता अपने पुत्र की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। परमात्मा को केवल सच्चे मन से याद करने की जरूरत होती है। यह बातें जलसो में श्री मद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह कार्यक्रम में कथा मर्मज्ञ पंडित अनिल शर्मा ने कही।

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                रतनपुर रोड गतौरी से तीन किलोमीटर दूर जलसो गांव में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह का भव्य आयोजन किया जा रहा है। गुरूवार को पं. अनिल शर्मा ने भरत, अजामिल और प्रहलाद चरित्र का वर्णन किया। कथा मर्मज्ञ पंडित अनिल शर्मा ने बताया कि राजा हिरण कश्यप स्वयं को भगवान समझता था। प्रजा को कहता कि मुझे भगवान समझें। लेकिन हिरण कश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का अन्यय भक्त था। वह विष्णु की पूजा और आराधना किया करता था।

                    पंडित अनिल शर्मा ने कहा कि प्रह्लाद की भक्ति भाव से हिरण कश्यप नाराज रहता था। प्रह्लाद को मारने के लिए कई उपाय किए। लेकिन हर बार भगवत कृपा से प्रह्लाद बच जाते। एक दिन गुस्से में हिरण कश्यप ने प्रहलाद से पूछा…तुम्हारा भगवान विष्णु कहां रहता है। प्रहलाद ने कहा मेरा भगवान हर जगह है। हिरण कश्यप ने खंभे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि क्या यहां भी रहता है। प्रहलाह ने कहा हां….।

                   प्रह्लाद की हां पर आक्रोश में हिरणकश्यप ने खंभे को तोड़ने का प्रयास किया। खंभे से ही भगवान विष्णु नरसिंह अवतार में प्रकट हुए। उन्होंने हिरण कश्यप का वध किया। पं.शर्मा ने बताया कि हिरण कश्यप ने प्रहलाद पर घोर अत्याचार किया। जान से मारने का अनेक बार प्रयास किया। लेकिन भक्तों का मान रखने वाले भगवान ने उसके सारे प्रयास विफल कर दिए। अपने भक्त की रक्षा की।

       पंडित शर्मा ने बताया कि मनुष्य ईश्वर की सच्चे मन से आराधना करता हैं तो भगवान उसकी रक्षा जरूर करते हैं। शुक्रवार को पंडित शर्मा गजेंद्र मोक्ष, देवता और समुद्र का मंथन में मिले 14 रत्नों की प्राप्ति की कथा भक्तों को सुनाएंगे। इसके अलावा भक्त भगवान कृष्ण के जन्म की कथा भी सुनेंगे।

               भगवतकथा को सुनने लोग दूर दूर से पहुंच रहे हैं। गायन-वादन के साथ लोग श्रीमद भागवत कथा और भजनों से श्रोता सराबोर हो रहे हैं।

 

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