सजायाफ्ता बंदियों का भत्ता बढ़ेगा-मुख्यमंत्री

Shri Mi
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raman_jailरायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शनिवार दोपहर राजधानी रायपुर के केन्द्रीय जेल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत बंदियों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। योजना के प्रथम चरण में आज राज्य की सात जेलों- रायपुर, अम्बिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर और कांकेर में यह प्रशिक्षण शुरू हो गया। इन सात जिलों की लगभग साढ़े चार सौ कैदियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।डॉ. सिंह ने समारोह में जेल में बंद सजायाफता कैदियों की बंदी भत्ता भी बढ़ाने का ऐलान किया। राज्य के जेलों में बंद लगभग दस हजार कैदियों को इसका फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब कुशल बंदियों को .30 रुपए प्रतिदिन के बदले 75 रुपए और अकुशल बंदियों को 25 रुपए की जगह 60 रुपए भत्ता दिया जाएगा। समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास अभिकरण एवं जेल विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। डॉ. सिंह ने जेल परिसर में प्रशिक्षण के लिए के लिए निर्मित आस्था स्वावलंबन प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण भी किया।

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                      मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केन्द्रीय जेल रायपुर में गो-पालन के लिए स्वेच्छानुदान मद से पांच लाख रूपए देने की घोषणा भी की। उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, गृह एवं जेल मंत्री अजय चंद्राकर, संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, विधायक श्रीचंद सुंदरानी और नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

                  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह मंे कौशल विकास योजना के अंतर्गत सरल हिन्दी भाषा में तैयार की गई विभागीय निर्देशिका का विमोचन किया। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य में जेलों को भी सुधारगृह के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेलों में बंद हर कैदी मूलतः आपराधिक प्रवृत्ति के नहीं होते बल्कि क्षणिक आवेश में आकर अपराध कर बैठते हैं। राज्य सरकार उन्हें जेल के भीतर विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाएगी। जिससे जेल से बाहर आने पर उत्साह के साथ वे नया जीवन शुरू कर सकेंगे।

                उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जेल में कैदियों को नामी-गिरामी होटलों के जरिए कुकिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जेल में बंद कैदी अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। उन्हें खेती-किसानी से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने बेमेतरा में प्रस्तावित खुले जेल में इसके लिए उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था के निर्देश दिए।  मुख्यमंत्री ने जेल परिसर का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कैदियों द्वारा निर्मित हस्तकला सामग्रियों और प्रिंटिंग प्रेस का अवलोकन भी किया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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