बिलासपुर— जब मै सीएमडी कालेज में प्रवेश लिया चुनाव नहीं होता था। पिछले साल से चुनाव शुरू हुआ। मै विश्वविद्यालय का प्रेसीडेन्ट बना। उसी समय मै तय कर लिया था कि सीएमडी ही नहीं बल्कि बिलासपुर के सभी कालेजों के अराजक तत्वों को बाहर निकाल फेकूंगा। काफी हद तक सफल भी रहा। मेरा मानना है कि कालेज विश्वविद्यालय अध्यक्ष को बाद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। मैने वैसा ही किया।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने असामाजिक तत्वों का सहारा लेकर कालेज में अराजक माहौल बनाने का प्रयास किया। लेकिन मैने अपने कार्यकाल में इन्हें काफी हद तक कामयाब नहीं होने दिया।
निवर्तमान विश्वविद्यालय अध्यक्ष केतन सिंह कहते हैं कि एनएसयूआई ही नहीं मुझे काम करने के लिए मैनेटमेंट भी रोका। लेकिन हम मैनेजमेंट का अपने ऊपर भारी नहीं पड़ने दिया। मैनेजमेंट ने सीएमडी में दो प्राचार्य नियुक्त किया। यह व्यवस्था मेरे ही नहीं सभी के समझ से परे है। अंत में मै कामयाब हुआ और इस व्यवस्था को खत्म कर ही कर दिया।
केतन सिंह ने बताया कि मै विश्वविद्यालय का निर्विरोध प्रेसिडेन्ट बना प्रयास होगा कि इस बार भी ऐसा ही हो। जो भी विश्वविद्यालय का अध्यक्ष बने दलगत और व्यक्तिगत हित से ऊपर उठ कर काम करे। बातचीत के दौरान केतन सिंह दीपक अग्रवाल की तारीफ ज्यादा ही करते नजर आए।
एनएसयूआई के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मै पिछले पांच साल से देख रहा हूं कि उन्होंने कालेज को अराजक तत्वों का अड्डा बना दिया। जब मैं अध्यक्ष बना तो इन लोगों का प्रयास रहा कि कालेज में ऐसा माहौल बनाया जाए जिससे छात्रों में संदेश जाए कि एबीव्हीपी कालेज हित में काम करने लायक नहीं है। लेकिन छात्र सब कुछ समझ गए हैं और आज हमारे साथ हैं।
बाक्सिंग में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले केतन सिंह ने एक साल के कार्यकाल में अपनी उपलब्धियों को लेकर काफी खुश नजर आए। उन्होंने बताया कि हमने बिना आईडी के कालेज प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया। इस साल बीकाम के 2500 से अधिक छात्र अनुत्तीर्ण हो गये। हमने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव डाला। अंत में हमारी जीत हुई। मुफ्त में सभी का वेल्यूवेशन कराया। केतन सिंह ने बताया कि हमने बिलासपुर विश्वविद्यालय में टेनिस कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ड और कबड्डी खेल के लिए मैदान तैयार करवाया।
सत्तापक्ष का समर्थन या दबाव के प्रश्न पर केतन ने बताया कि हमसे सत्ता है सत्ता से हम नहीं है। मेरा मानना है कि छात्रों में इतनी ताकत होती है कि सत्ता को झुका ले। हमने ऐसा किया भी है। उन्होंने विश्वविद्यालय अध्यक्ष चुनाव प्रत्यक्ष का विरोध करते हुए कहा कि यदि ऐसा हो जाएगा तो छात्रों को नियंत्रित करने में प्रशासन को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। भगदड़ मच जाएगी।