बिलासपुर—कौशल प्रशिक्षण में जीवन को बदलने की ताकत है। प्रशिक्षण से जीवन के स्तर को उठाया जा सकता है। सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रशिक्षण केन्द्रों को आई.टी.आई. की तर्ज पर चलाया जाए। यह बातें कलेक्टर पी.दयानंद ने जिला स्तरीय कौशल प्रतियोगिता के छात्र-छात्राओं को उत्साहित करते हुए कहीं।
कलेक्कट ने कहा छत्तीसगढ़ में कौशल आॅलम्पियाड का आयोजन किया जाना है। इसी क्रम में महिला आईटीआई में जिला स्तरीय कौशल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। प्रतियोगिताओं ने हुनर का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पी.दयानंद ने कहा कि कौशल उन्नयन जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके जरिए ही नए भारत का निर्माण होना है। जिले में संचालित कौशल उन्नयन केन्द्रों में लक्ष्य के अनुसार प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के प्रयास किये जा रहे हैं। कौशल गुणवत्तापूर्ण हो और प्रशिक्षार्थी नियमित प्रशिक्षण लें, इसके लिए बायोमेट्रिक प्रणाली अपनायी गई है।
कलेक्टर ने कृषि और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के बहुत स्कोप है। इन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम को जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी फरिहा आलम सिद्दकी ने भी संबोधित किया।
विजेता प्रतिभागियों को कलेक्टर ने पुरस्कार दिया। इस दौरान अतिथियों ने प्रमाण पत्र का भी वितरण किया।
कलेक्टर ने लगाया नीम और पीपल
कलेक्टर पी.दयानंद ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल और शालेय ईको क्लब के छात्र-छात्राओं के बीच पीजीपीटी काॅलेज में एक दिवसीय प्रदर्शनी का आनंद लिया।
कार्यक्रम में बी.एड. और एम.एड. के प्रक्षिणार्थियों नेके अलावा विभिन्न शालाओं के ईको क्लब के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रदर्शनी में गीले कचरे से वर्मी कम्पोस्ट बनाने की तकनीक, जैविक खाद से तैयार फल और सब्जियों का प्रदर्शन किया। स्टाल में जैविक खाद्य पदार्थों को अपनाने से होने वाले फायदों के बारे में भी बताया। जल संरक्षण की आवश्यकता पर भी छात्र छात्राओं ने स्टॉल लगया। जलवायु परिवर्तन का सामना करने पर्यावरण शिक्षण के विभिन्न उपायों का भी प्रदर्शन किया गया।
कलेक्टर ने महाविद्यालय परिसर में नीम और पीपल के पौधे लगाया। छात्र-छात्राओं ने पेड़ों की सुरक्षा का संकल्प लिया। कार्यक्रम में शामिल जिला पंचायत सीईओ फरिहा आलम सिद्दकी, एसडीएम आलोक पाण्डेय समेत आलाधिकारी और छात्र छात्राएं मौजूद थीं।