बिलासपुर—उम्मीद के अनुसार ही आज नगर निगम सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार थी। शहर की सड़कों की स्थित को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे सदन में भिड़ गए। निगम की सामान्य सभा कुछ देर के लिए असामान्य स्थित में तब्दील हो गया। विनोबा नगर गायत्री मंदिर से व्यापार विहार की सड़क को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा मचाया। भाजपा पार्षद व्ही रामाराव ने सडक़ निर्माण में गुणवत्ता के सवाल को कांग्रेस पार्षदों ने हाथों हाथ लिया और महापौर को बोलने नहीं दिया।
नगर निगम सामान्य सभा की बैठक अभूतपूर्व हंगामेदार रही। प्रश्र काल के दौरान भाजपा पार्षद रामराव ने विनोबा नगर गायत्री मंदिर से व्यापार विहार तक निर्माणाधीन सडक़ की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। रामराव ने कहा कि निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शहर की सभी सडक़ें बदहाल स्थिति में है। उन्होने कहा बैठकों में निगम अधिकारियों को निकाय मंत्री ने गुणवत्ता को लेकर कई फटकार लगाई। बावजूद इसके अधिकारी और ठेकेदार अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे है। व्यापार विहार सड़क में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इतना कहना था कि कांग्रेसी पार्षदों ने रामाराव के सवाल को हाथों हाथ लेते हुए महापौर पर प्रश्नों के बौछार कर दिये।
महापौर ने कहा कि विनोबानगर सड़क निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा गया है। इससे आगे महापौर कुछ बोलते कांग्रेसियों ने एक साथ चढ़ाई कर दिया। कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि महापौर लोगों को ध्यान भटकाने गोलमोल जवाब दे रहे हैं। देखते ही देखते दोनों दलों के बीच तू तू मैं मैं शुरू हो गयी। दोनों दलों के पार्षद सभापति के सामने पहुंचकर जमकर हंगामा किया। सदन को शांत कराने सभापति ने चुटकी लेते हुए कहा कि सभी पार्षदों की तस्वीर कैमरे में आ चुकी है। इसलिए उन्हें अपने स्थान पर बैठ जाना चाहिए। बावजूद इसके किसी ने सभापति की एक नहीं सुनी। अंत सभापति अशोक विधानी को सामान्य सभा की कार्रवाई को 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
कांग्रेस पार्षद रामा बघेल ने महापौर से कहा कि आखिर सीवरेज में रेत की जगह मिट्टी फिलिंग क्यों हो रही है। पर्याप्त अनुदान मिलने के बाद भी सिवरेज में रेत का उपयोग नहीं किया जाना समझ से परे है। जानकारी मिल रही है कि निगम प्रशासन ने सरकार से अतिरिक्त साढ़े चौदह करोड़ रूपए मांगने का फैसला किया है। प्रश्न उठता है कि अनुदान राशि का हुआ क्या।
एल्डरमैन नाराज
निगम सामान्य सभा में मनोनित पार्षद कम संख्या में ही दिखाई दिए। ज्यादातर एल्डरमैनों ने सदन का वहिष्कार किया। मनीष अग्रवाल ने बताया कि जब प्रश्नकाल में मनोनित पार्षदों को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है तो वहां घंटी बजाने क्यों जाएं। महापौर और सभापति कांग्रेस पार्षदों से डरते हैं। कांग्रेसियों से बचने के लिए सभापति और महापौर ने मिलकर एल्डरमैनों को प्रश्न पूछने के अधिकार को विलोपित किया है। जबकि मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि एल्डरमैन भी प्रश्नकाल में सवाल कर सकते हैं। लेकिन महापौर और सभापति ने कांग्रेस पार्षदों से हाथ मिलाकर एल्डरमैनों के जनहित सवालों का गला घोंटा है।
मनीष ने बताया कि मुझे मनोनित पार्षद होने के नाते बिलासपुर की जनता के हितो से जुड़ें सवालों को सदन में रखने का अधिकार है। लेकिन अधिकारों का हनन किया जा रहा है। एक बार फिर मंत्री और जिम्मेदार लोगों के सामने महापौर और सभापति की मनमानी को रखेंगे। मनीष ने बताया कि समस्याएं बहुत हैं लेकिन भाजपा का महापौर कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहा है। जाहिर सी बात है कि निगम की सरकार कांग्रेसियों के इशारे पर चल रही है।