रायपुर— जनता कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक संजीव अग्रवाल ने आरटीआई से मिली जानकारी के अाधार पर बताया प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में अव्यवस्थाओं का अंबार है। चिकित्सकों के अलावा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पद खाली हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री को इसकी कोई परवाह नहीं है। ऊपर से स्वास्थ्य मंत्री बयान कि डीकेएस हॉस्पिटल में 600 स्टाफ़ की भर्ती की जाएगी। जो निश्चित रूप से समझ से परे है।संजीव अग्रवाल ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मिली है कि प्रदेश के सबसे बड़े डॉ भीम राव अंबेडकर अस्पताल में विभिन्न विभागों में डॉक्टरों के लिए कुल 480 पोस्ट हैं। लेकिन 203 डॉक्टर ही पदस्थ हैं । 122 डॉक्टर संविदा आधार पर काम कर रहे हैं। तृतीय श्रेणी के लिए 745 पोस्ट स्वीकृत हैं। वास्तविक स्थिति 504 हैं। चतुर्थ श्रेणी में 383 पोस्ट स्वीकृत हैं लेकिन 278 कर्मचारी काम कर रहे हैं। जिसके कारण जनता हलाकान है।
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संजीव ने कहा कि यही स्थिति प्रदेश के कमोबेश सभी अस्पतालों की है। अंबिकापुर से जगदलपुर और राजनांदगांव से रायपुर…हर जिले के शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मचारियों का टोंटा है। सालोंं से पद खाली है। सरकार रिक्त पदों की पूर्ति करने के बजाय नए नए अस्पताल खोल रही है। या यही है “सबका साथ सबका विकास”?
संजीव अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ शासन से सवाल किया है कि डीकेएस अस्पताल में भर्ती, स्थानीय लोगों के बजाय आउटसोर्सिंग के जरिए क्यों की जा रही है? सरकार से संजीव अग्रवाल ने जानना चाहा है कि डीकेएस अस्पताल का निर्माण कार्य धीमी होने की वजह क्या है। डॉक्टरों की भर्ती और प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों की जर्जर हालत के लिए कौन जिम्मेदार है। संजीव ने बताया कि जनता कांग्रेस की मांग करती है कि प्रदेश के शासकीय अस्पतालों मे रिक्त पदों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण जनता को होने वाली असुविधा को लेकर सरकार श्वेत पत्र जारी करे।