बिलासपुर—अजीत जोगी ने पुराने नोट को चलन से बाहर किये जाने पर प्रभावित किसान और गरीब वर्ग को लेकर चिंता जाहिर की है। जोगी ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है। किसानी और मजदूरी कर गुजारा करती है।यह वर्ग खाद, बीज और समर्थन मूल्य में धान खरीदी के कारण अपना खाता सहकारी बैंक में रखता है। लेकिन केन्द्रीय सहकारी बैंकों को सरकार ने नोट बदलने की सुविधा नहीं दी है। जिसके चलते मेहनतकश लोग बिचौलियों के पास नोट बदलवाने जा रहे है।
जोगी ने कहा कि जरूरी रोजमर्रा की वस्तु खरीदने के लिये किसान और गरीब परेशान हैं। उन्होनेे कहा कि जैसे कि मुझे जानकारी मिल रही है कि बिचैलिया 500 के नोट को 300 में और 1000 के नोट को 600 रूपये में ले रहे हैं। जो काफी पीड़ादायक स्थिति है। जोगी ने निशाना साधते हुए कहा कि व्यवस्था से बेखबर राज्य के मुखिया रिजर्व बैंक आफ इंडिया के स्थानीय शाखा से शासन स्तर पर चर्चा करने की वजाय प्रधानमंत्री को बधाई दे रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान,गरीब और मध्यम वर्ग के असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और रिजर्व बैंक के स्थानीय अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक कर व्यवस्था में तत्काल सुधार करें। कलेक्टरों को भी अपने जिलों में प्रभावी नियंत्रण के आदेश दें। अन्यथा स्थिति विकराल हो जायेगी। अन्यथा गरीबों के शोषण को कोई नहीं रोक सकता है।
अजीत जोगी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी सहकारी बैंकों में पुराने नोट बदलने की व्यवस्था नहीं की गयी है। इसे तत्काल आरंभ किया जाना चाहिए। केन्द्रीय बैंक को केन्द्र सरकार और बैंकों के भरोसे छोड़ देना ठीक नहीं होगा। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बिचैलियों के हाथों शोषण को बर्दास्त नहीं करेगी।
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