सहायक शिक्षक फेडरेशन का एलान, राजधानी में करेंगे वादा निभाओ रैली, सामूहिक अवकाश के लिए सौंपा ज्ञापन

Shri Mi
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शिक्षक पंचायत,बस्तर,शिक्षामंत्री.धरना प्रदर्शन,शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा,प्रान्तीय संचालक विकास सिंह राजपूत,नवीन शिक्षाकर्मी संघ,प्रदेशाध्यक्ष व शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चाबिलासपुर।सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले एक फरवर्क एक दिवसीय धरना सह वादा निभाओ रैली का आह्वान किया है। ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन का गठन जून 2018 में संविलियन की घोषणा के बाद शिक्षा कर्मी वर्ग 3 से सहायक शिक्षक एलबी बने शिक्षकों ने इस बात से रुष्ट होकर किया था कि उनका वेतन संविलियन पश्चात भी वर्ग 1 और 2 के समान नहीं बढ़ा है। सहायक शिक्षकों का लंबे समय से यह मांग रही है कि उनका वेतन भी वर्ग 1 और 2 के सामान की 9300 -34800 वेतन बैंड में होना चाहिए। सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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जब संविलियन हुआ था तब भूपेश बघेल ने कहा था कि संविलियन से सिर्फ वर्ग 1 और 2 को फायदा है और वर्ग 3 के साथ यह धोखा है। चूँकि वे अब मुख्यमंत्री बन चुके हैं इसलिए फेडरेशन के प्रांतीय संयोजकों ने अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से बार बार मिलकर इस संदर्भ में ध्यानाकर्षण का प्रयास किया, परंतु ठोस आश्वासन ना मिलने का दावा कर अब फेडरेशन के लोग एक दिवसीय धरना कर अपना रोष प्रकट करने का निश्चय कर लिया है।

इसी परिपेक्ष में फेडरेशन की जिला टीम ने प्रान्तीय सयोजक अजय कुमार गुप्ता,जिला अध्यक्ष टिकेश्वर भोय,जिला सयोजक मोहम्मद शाहिद खान,संजय मेहर,सलाहकार रवि यादव,संगठन मंत्री सूर्यलाल साहू प्रवक्ता एलन साहू , मिडिया प्रभारी रवि गुप्ता,के नेर्तित्व में कलेक्टर जशपुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर को सामूहिक अवकाश हेतु आवेदन सह ज्ञापन बुधवार को प्रस्तुत किया है।

जिला स्तर से हजारों की संख्या में पहुँच सकते हैं सहायक शिक्षक एल बी संवर्ग के लोग।फेडरेशन के बैनर तले पिछली राजधानी स्तरीय धरना एवं रैली बीते 30 सितंबर को हुई थी, जिसमें 1लाख से अधिक की भीड़ थी उपस्थित हुई थी, जिसमें जिला से भी काफी संख्या में शिक्षक शामिल हुए थे।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि संविलियन पश्चात भी सहायक शिक्षकों को आशानुरूप लाभ न मिलना भी बीते सरकार के जाने का एक मुख्य कारण हो सकता हैं। बहरहाल, अगर इस बार भी ऐसी ही भीड़ हुई तो निश्चित ही यह हाल ही में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये, सत्ता पक्ष के लिये अच्छा संकेत नहीं होगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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