सहायक शिक्षक फेडरेशन ने कहा-अनुकंपा नियुक्ति पर जारी आदेश,जख्मो पर नमक छिड़कने की कोशिश

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि विगत 03 अक्टूबर के कैबिनेट बैठक से प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षक एलबी / पंचायत संवर्ग को प्रदेश सरकार से बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन सरकार ने हमारे पक्ष में कोई भी निर्णय न लेकर यह साबित कर दिया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की रमन सिंह सरकार निर्णय लेने में सक्षम नहीं है।प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने आगे कहा कि प्रदेशभर के 1,09,000 सहायक शिक्षक एलबी / पंचायत संवर्ग (शिक्षाकर्मी वर्ग-03) ने अपने चार सूत्रीय मांगों को लेकर “छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” के बैनर तले विगत 25 से 29 सितम्बर तक राजधानी रायपुर स्थित धरना-स्थल ईदगाह भांठा मैदान में संभागवार, क्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था।

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साथ ही विगत 30 सितम्बर को महा-धरना प्रदर्शन एवं धिक्कार रैली का आयोजन किया था जिसमें प्रदेशभर के लगभग एक लाख से अधिक शिक्षाकर्मी वर्ग-03 ने राजधानी रायपुर में उपस्थित होकर चार सूत्रीय मांगों के सम्बंध में अपनी आवाज बुलंद की थी।

जाकेश साहू ने दावा किया 30 सितम्बर को राजधानी के धिक्कार रैली में एक लाख से अधिक वर्ग-03 उपस्थित थे, जितने साथी मंच व मैदान में थे उससे कई गुना साथी चारो तरफ सड़को में फैले हुए थे।30 सितम्बर को एक लाख से अधिक शिक्षाकर्मी वर्ग-03 की रायपुर में उपस्थिति यह बताती है कि हमारे साथ घोर अन्याय हुआ है। राज्य सरकार द्वारा हमारे हक व अधिकार में कटौती कर हम सबका शोषण किया जा रहा है। ये अन्याय की पराकाष्ठा है।हमें 03 अक्टूबर के कैबिनेट बैठक से पूरी उम्मीदे थी कि राज्य सरकार हमारे चार सूत्रीय मांगों के सम्बंध में कोई बड़ा फैसला लेगी। पूरे 1,09,000 शिक्षाकर्मी-03 की निगाहें रमन केबिनेट के फैसले को टकटकी लगाए देख रही थी लेकिन सरकार ने हमारा भरोषा एक बार फिर तोड़ा है।

अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में शासन से जारी आदेश को जाकेश साहू ने 3500 अनुकम्पा पीड़ित परिवार के साथ एक बड़ा भद्दा मजाक बताया है। उन्होंने मांग किया कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी का परिचय देते हुए सभी 3500 परिवारों को आचार संहिता के पहले तत्काल नि:शर्त अनुकम्पा नियुक्ति आदेश जारी कर तुरन्त नौकरी ज्वाइन कराएं। अन्यथा 3500 पीड़ित परिवार, मृत शिक्षाकर्मी साथियों के विधवा व पीड़ित पत्नियां, उनके छोटे-छोटे नौनिहाल बच्चों व उनके बूढ़े माता-पिता की आह, बद्दुआ व श्राप प्रदेश की रमन सिंह सरकार को लगेगी और आने वाले विधानसभा चुनाव 2018 में सरकार 3500 पीड़ित परिवारों के श्राप से पूर्णतः भस्म हो जाएगी।

मृत 3500 शिक्षाकर्मी साथियों के परिजन आज रोजी-रोटी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है। उनके छोटे-छोटे बाल-बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो गई है। मृत शिक्षाकर्मियों के परिजनों न तो किसी प्रकार का कोई पेंशन मिलता है और न ही कोई आर्थिक लाभ मिलता है, पीड़ित परिवार व सदस्य, काम की तलाश में यंहा-वँहा भटक रहे है।पत्नी-बच्चों और बूढ़े मां-बाप का विगत कई सालों से रो-रोकर बुरा हाल है। लेकिन सरकार को आज तक इनकी कोई सुध नहीं, बल्कि उल्टा इसके विपरीत अनुकम्पा नियुक्ति के लिए समय सीमा बढ़ाए जाने का आदेश जारी कर इनके जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है।

“फेडरेशन” के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने अनुकम्पा नियुक्ति मामले में राज्य सरकार पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने व बेतुका आदेश जारी करने का गम्भीर आरोप लगाया। यह आदेश 3500 पीड़ित परिवार के साथ एक असहनीय मजाक के सिवाय कुछ भी नहीं है। अनुकम्पा नियुक्ति सहित “फेडरेशन” अपनी चार सूत्रीय मांगों के सम्बन्ध में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर इस पूरे मामले में संज्ञान लेने हेतु अपील करेगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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