सांसद अरूण साव ने बताया..रूस यूक्रेन से लौटेंगे विद्यार्थी..CM को लिखा पत्र..अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को बचाएं..हालत बहुत खराब

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—विदेश में पढ़ रहे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भारत सरकार गंभीर है। सरकार सभी विद्यार्थियों की सकुशल स्वदेश वापसी के लिए हर संभव उपाय करेगी। किसी को चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है। यह बातें केनद््रीय विदेश राय्जय मंत्री व्ही.मुरलीधरन ने सांसद अरूण साव से चर्चा के दौरान कही।
 
                  बिलासपुर निवासी कुछ अभिभावक श्रीधर गौरहा, अनिल गुप्ता समेत कई लोगों ने संसाद अरूण साव को ज्ञापन के माध्यम से बताया था कि उनके बच्चे रूप में पढ़ने गए हैं। लेकिन  कोरोना प्रकोप के चलते फंस गए है। इसके अलावा सांसद को यह भी जानकारी मिली कि रूस के प्रमुख शहर पर्म में लगभग 1250 भारतीय बच्चे अध्ययनरत हैं।  इनमें से 450 बच्चे छत्तीसगढ़ राज्य के हैं। 35 बच्चे बिलासपुर जिले के रहने वाले हैं।
 
                   बताते चलें कि रूस में इस समय कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसके कारण अभिभावक बच्चों की सुरक्षा और स्वदेश वापसी को लेकर खासे चिंतित हैं। अभिभावकों ने मामले में सांसद अरूण साव को बताया कि वर्तमान स्थित में रशिया समेत अन्य देशों में कोविड-19 के संक्रमण के कारण सभी मेडिकल यूनिवर्सिटी बंद हो चुके हैं। नियमित कक्षाएं, असाइनमेंट, टेस्ट  ऑनलाइन पद्धति से चल रहे हैं। इस कारण बच्चों को हाॅस्टल या हाॅटल में ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है।
 
            इस दौरान विद्यार्थी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अभिभावकों ने कहा कि बच्चे भारत आकर ऑनलाइन पद्धति से पढ़ाई  जारी रख सकते हैं। इस दिशा में जरूरी उपाय किया जाना जरूरी है।
 
              अभिभावकों की गुहार को सांसद अरूण साव ने गंभीरता से लेते हुए विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरण से चर्चा की।  साव ने मंत्री के सामने रूस यूक्रेन समेत अन्य देशों में अध्ययनरत छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों की समस्याओं को रखा। साथ ही विद्यार्थियों की सकुशल स्वदेश वापसी के लिए निवेदन भी किया।
 
            चर्चा के दौरान विदेश राज्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि अभिभावकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार विदेश में रह रहे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की निरंतर जानकारी ले रही है। वर्तमान में बच्चों की सुरक्षा और सकुशल स्वदेश वापसी को लेकर सरकार गंभीरता से विचार ऊी कर रही है। जल्द ही  इस संबंध में निर्णय भी लिया जाएगा।
 
जून में 2 माह की छुट्टी पर आते हैं बच्चे
 
                   विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को साल में एक बार दो महिनों की छुट्टी मिलती है। इस दौरान सभी बच्चों को भारत लौटने का मौका मिलता है। आमतौर पर छुट्टियां जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई-प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती हैं। अगस्त-अंतिम सप्ताह या सितम्बर-प्रथम सप्ताह तक खत्म  होती हैं। भारत आने और विदेश लौटने के लिए कमोबेश सभी विद्यार्थी  महीनों पहले फ्लाइट की टिकट बुक करा लेते हैं। मौजूदा वक्त में लगभग सभी एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी सभी फ्लाइट्स और टिकटों की प्री बुकिंग बंद कर रखी हैं। इससे विद्यार्थियों की चिंता बढ़ गई है।
 
मजदूरों की घर वापसी के लिए सीएम को पत्र
 
            सांसद अरूण साव ने देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी के लिए सीएम भूपेश बघेल को भी पत्र लिखा है। सांसद ने अपने पत्र में फंसे मजदूरों को लेकर समुचित व्यवस्था बनाने का आग्रह किया है।  पत्र में सांसद ने लिखा है कि लाॅकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़ आदि के मजदूर बड़ी संख्या में लखनऊ, इलाहाबाद, आगरा, कानपुर, भोपाल, पुणे, अहमदनगर, हैदराबाद, सिंकदराबाद आदि स्थानों पर  फंसे हैं।
 
               रोजी-रोजगार बंद होने के कारण मजदूरों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो गई। मजदूरों का कई जत्था लंबी दूरी के सफर पर पैदल ही निकल पड़ा है। यह खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए इन मजदूरों की सुरक्षित छत्तीसगढ़ वापसी के लिए ठोस प्रयास किए जाना बहुत जरूरी है। 
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