साक्ष्य जुटाने की दी गयी ट्रेनिंग

BHASKAR MISHRA

IMG-20160225-WA0015बिलासपुर—बिलासागुड़ी में बिलासपुर पुलिस रेंज बिलासपुर के अधिकारियों ने कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों को आपराधिक गतिविधियों से जुड़े मसलो को सुलझाने के वरिष्ठ अधिकारियों ने टिप्स दिये। आपराधिक गतिविधियों से जुडे साक्ष्य को एकत्र आरोपी अपराधियों को सलाखो के पीछे भेजने के लिए किन –किन सावधानियो का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। एक दिवसीय कार्यशाला में डीजी एफएसएल वाहिद अंसारी विशेष रूप मौजूद थे। उन्होने फारेंसिक जांच में बरती जाने वाली सावधानियो के विषय में उपस्थित लोगों को अवगत कराया।

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                            अपराध होने के बाद गुत्थी सुलझाने में पुलिस का सबसे अहम् हथियार फारेंसिक जांच  है। घटना स्थल से मिले साक्ष्य को एकत्र करने के बाद डीएनए फ्रिंगर प्रिंट और अन्य साक्ष्य ज्यादातर अपराधो को सुलझाने में मदद करते हैं। घटना स्थल से कई बार पुलिस के जवान साक्ष्य एकत्र करने में गलती कर जाते हैं। अपराधी न्यायालय से बेगुनाह साबित होते हैं। इन मामूली गलतियों के चलते समाज में अपराध में अपराध का ग्राफ बढता है। पुलिस की बदनामी होती है।कार्यशाला को टिप्स देने के दौरान यह बाते वाहिद अँसारी ने कही।

              अंसार ने कहा कि अधिकाशं मामलो में न्यायालय से छुटने के बाद अपराधियों को सीधा फायदा हमारी गलतियों से होता है।  कोर्ट की फटकार सुनने वाले पुलिस विभाग ने शासन और पुलिस मुख्यालय को सख्त आदेश दिया है कि साक्ष्य का अवलोकन और जुडी तमाम पेचेदीगियो को ठीक से समझे। इसी बात को लेकर आज बिलासागुड़ी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

           कार्यशाल में थाना प्रभारियो के अलावा कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और जवान उपस्थित थे। उपस्थित लोगों को मौके से साक्ष्य उठाते समय सावधानियों की जानकारी दी गयी।  डीजी फारेंसिक वाहिद अंसारी ने  अधिकारियो को बताया कि किसी भी अपराध की विवेचना से पहले घटना स्थल का अवलोकन जरूरी है। मौके पर हर उस स्थान का अवलोकन करना चाहिए जहां से शव मिला हो। रक्त के धब्वे वीर्य दांत या उसकी पहचान की कोई भी वस्तु डीएनए जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित होते हैं।

                  अंसारी ने अनाचार या सामूहिक अनाचार के मामले में पीडित महिला का वेजाइनल स्वेब घटना के दौरान पहने हुए कपड़ों के अलावा संदेही और पीडिता के खून के नमूनों का संग्रहण किस प्रकार किया जाए जानकारी दी । कार्यशाला में बिलासपुर पुलिस अधीक्षक अभिषेक पाठक, मुंगेली पुलिस अधीक्षक नीतू कमल और अन्य जिलो के राजपत्रित अधिकारी मौजूद थे।

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