बिलासपुर—सामाजिक कार्यकर्ता और एचआईव्ही बच्चों की संरक्षण मांग को लेकर आज सामाजिक कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यलाय पहुंचकर सात सूत्रीय मांग को रखा। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि 17 अगस्त 2018 को अपना घर में बच्चो और वकील समेत संस्था व्यवस्थापिका के खिलाफ पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की है। बच्चों के साथ पुलिस ने मरापीट की है। इस समय एचआईव्ही पीड़ित बच्चों को ताला के अन्दर रखा गया है। उनके साथ कैदियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई पूरी तरह से ठप हो गयी है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किशोर न्यायालय संचालिका पार्वती वर्मा पर रिश्वत मांगन का भी आरोप लगाया।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पुलिस और महिला बाल विकास की पार्वती वर्मा पर एचआईव्ही पीड़ित बच्चों को प्रताडित करने का आरोप लगाया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि घुरू में एचआईव्ही बच्चों के लिए एनजीओ के माध्यम से संस्था का संचालन किया जाता है। संस्था का नाम अपना घर है। 17 अगस्त को पार्वती वर्मा पुलिस के साथ अपना घर पहुंची। और बच्चों का बाल घसीटकर बिना किसी कारण गाड़ी में बैठाकर ले जाया गया। बच्चों को इस समय ताले के अन्दर जेल से भी बदतर जिन्दगी जीने को मजबूर है।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि बच्चों को जब घसीटकर गा़डी में बैठाया जा रहा था। ठीक उसी समय विरोध किए जाने पर वकील प्रियंका शुक्ला से मारपीट की गयी। अपनी शिकायत में सभी ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित हो रही है। क्योंकि सभी बच्चे अपना घर में रहने के दौरान पढ़ाई भी कर रहे थे। जिला प्रशासन से निवेदन है कि बच्चों को वर्तमान स्थिति से निकालकर जेल में रखा जाए। क्योंकि वर्तमान जगह पर रखे गए बच्चे जेल में कहीं बेहतर तरीके से जिन्दगी बसर करेंगे। साथ ही बच्चों की आनलाइन पढ़ाई के लिे मोबाइल भी दिया जाए। इसके अलावा प्रियंका शुक्ला से अभद्र व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। और बच्चों को उनके माता पिता से मिलने की अनुमति दी जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो हम ना केवल उग्र आंदोलन करेंगे। बल्कि कानून का भी दरवाजा खटखटाएंगे।