साय का पत्र हुआ वायरल…गृहसचिव से की है IB जांच की मांग…पुलिस अधिकारियों की भूमिका जताया है संदेह

BHASKAR MISHRA
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रायपुर— केन्द्रीय गृह सचिव का 9 महीने पहले लिखा नन्दकुमार साय का पत्र सोशल मीडिया मेंं जमकर वायरल हो रहा है। पत्र में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने अंबिकापुर जेल में बंद पूर्व एसपीओ अभय सिंह को अधिक सुरक्षित जगह में  रखने की मांग की है। साय ने पत्र में बताया है कि अभय सिंह ने प्रदेश में किसी बड़ी नक्सल वारदात में आशंका जताई थी और उसी दिन नक्सलियों ने झीरम घाटी हत्याकांड को अंजाम दिया था।

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                       मालूम हो कि दिल्ली निवासी माणिक मेहता ने जनजाति युवक अभय सिंह के खिलाफ पुलिस अत्याचार और हत्या के प्रयास की शिकायत की थी। सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए आयोग को ज्ञापन भी दिया था। साय ने केंद्रीय गृह सचिव को 12 मई 2017 को जांच के लिए पत्र लिखा । यही पत्र अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

                         सोशल मीडिया में वायरल पत्र में साय ने लिखा है कि माणिक मेहता ने शपथ पत्र के साथ सरगुजा जिले के अभय सिंह प्रकरण में जिन बातों का उल्लेख किया है। शासन की नजर में संवेदनशील हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की  नक्सल समस्या के संबंध में अनेक अवांछनीय गठबंधनों की जानकारी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नक्सलियों की कथित सांठगांठ है।

          मालूम हो कि अभय सिंह वर्तमान में केंद्रीय जेल अंबिकापुर में है। कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एसपीओ था। पुलिस ने अभय को नक्सल गतिविधियों के उन्मूलन के लिए प्रशिक्षित किया था। अभय सिंह के माध्यम से अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर सुरक्षा एंजेसियों को अवगत कराया गया था। अभय सिंह ने बिलासपुर में एक प्रेसवार्ता में नक्सलियों का प्रदेश में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की बात कही थी। ठीक उसी दिन नक्सलियों ने झीरम घाटी हत्याकांड को अजाम दिया। घटना मेंं प्रदेश के कई राजनेता मारे गए। बाद में अभय सिह को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया।

                         पत्र में साय ने माणिक मेहता के शिकायती पत्र को संज्ञान में लेकर अभय सिंह की सुरक्षा और गोपनीय जांच आईबी से कराने की मांग की है। साथ ही कुछ प्रमुख अफसरों को हटाए जाने को के बारे में लिखा गया है।

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