सारबहरा सरपंच:उम्र 23 साल-काम में अव्वल

Shri Mi
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2584cc_1बिलासपुर(सारबहरा)।उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। राज्य सरकार की उच्च शिक्षा और छात्रवृत्ति योजना के तहत वे एमएससी की पढ़ाई पूरी कर पाई। ऋतु पंद्राम बताती हैं कि एमएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव के सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ा और जनता ने समर्थन देते हुए गांव के विकास की जिम्मेदारी सौंपी। गांव के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना, सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामवासियों को दिलाना, क्षेत्र के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहते हुए सरपंच की जिम्मेदारी का निवर्हन कर रही है।

                            बिलासपुर जिले के विकासखंड गौरेला के ग्राम पंचायत सारबहरा की सरपंच सुश्री ऋतु पंद्राम क्षेत्र की सबसे कम 23 वर्ष उम्र की सरपंच हैं। ग्राम पंचायत सारबहरा की जनसंख्या करीब 9 हजार है, जहां 2 हजार परिवार निवास करते हैं और 3200 मतदाता हैं। यहां की वर्तमान सरपंच सुश्री ऋतु पंद्राम गांव के विकास को लेकर सदा चिन्तित रहती हैं और गांव के विकास के लिए हर अच्छे कार्यों को सम्पादित करने की ललक रखती हैं।

                        हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत् अध्ययन यात्रा पर रायपुर आईं सुश्री ऋतु पंद्राम बताती हैं कि उनके माता.पिता ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है,  जिसका लाभ उन्हें  भी मिला। साथ ही उनके पिता कृषि कार्य भी करते हैं और लोगों को स्वच्छता और शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं। अपने माता.पिता की तरह ही गांव में रहकर क्षेत्र का विकास करना चाहती हैं। सारबहरा की सरपंच सुश्री ऋतु कहती हैं कि जब मैं उच्च शिक्षा के लिए गांव से बाहर जाने की योजना बना रही थी,  उस समय आर्थिक रूप से सक्षम न होने के कारण अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, परन्तु शासन की योजना का लाभ मिला।

                        राज्य शासन की योजना के तहत् मिली छात्रवृत्ति से मेरी एम.एससी. की पढ़ाई पूरी हो पाई। एम.एससी. की शिक्षा पूरी करने की कारण लोगों ने उसको गांव की जिम्मेदारी देने सरपंच के लिए सर्वोत्तम विकल्प माना। सरपंच बनने के बाद गांव में कृषि के लिए पानी की व्यवस्था के लिए वैकल्पिक उपाय वर्षा के जल को संरक्षित करने का प्रयास किया। उन्हांेने बताया कि ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ वे शिक्षा के प्रति काफी गंभीर है। वे ग्राम पंचायत के बच्चों को निःशुल्क पढ़ाती हैं। पहले गांव में शिक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता आ अभाव था, लेकिन अब ऋतु की उच्च शिक्षा से प्रेरित होकर गांव की कई छात्राएं और महिलाएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं।

                      हमर छत्तीसगढ़ योजना के संबंध में सरपंच सुश्री ऋतु का कहना है कि उन्हें विज्ञान केन्द्र बहुत अच्छा लगा, विज्ञान से संबंधित विषयों पर आधारित प्रदर्शनी विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र ने खेती के आधुनिक तौर-तरीके बताए जा रहे हैं, जिसका उपयोग कर किसान अधिक पैदावार ले सकता है। इसी प्रकार रायपुर के विकास को देखकर आधुनिक शहर की परिकल्पना साकार लग रही थी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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