सावधानी में ही सुरक्षा है- प्रो. अंजिला गुप्ता

Chief Editor
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cyberबिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के फॉरेंसिक साइंस विभाग द्वारा एक दिवसीय साइबर अपराध जागरुकता व्याख्यान का आयोजन शुक्रवार दिनांक 21 अक्टूबर 2016 रजत जयंती सभागार में अपराह्न 1 बजे किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में इंडियन साइबर आर्मी, दिल्ली के निदेशक श्री किसलय चैधरी रहे एवं अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने की।
साइबर अपराध जागरुकता व्याख्यान के शुभारंभ पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने कहा कि साइबर अपराधों के खिलाफ जागरुकता के माध्यम से ही मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराधओं के मद्देनजर सावधानी में ही सुरक्षा है।
उन्होंने कहा कि समाज में सूचना तकनीक के बढ़ते प्रभाव से सुविधाओं को साथ असुरक्षा में भी इजाफा हुआ है जो वित्तीय एवं निजता के हनन तक गंभीर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस जागरुकता व्याख्यान से युवा छात्रों को सूचना क्रांति के इस दौर में जागरुक रहने की तकनीक के विषय में पूर्ण जानकारी मिलेगी।
जागरुकता व्याख्यान के मुख्य वक्ता इंडियन साइबर आर्मी, दिल्ली के निदेशक श्री किसलय चैधरी ने सोशल मीडिया, ऑनलाइन खरीददारी एवं बैंकिग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन ट्रांजेक्शन पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में फोन एवं ईमेल के जरिये बहुत से अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है, जिसे रोकने के लिए जागरुकता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों से मोबाइल मैसेज एवं ईमेल के जरिये लॉटरी जीतने के बहुत से मामले आम हैं ऐसे में किसी भी ऐसे अपरिचित नंबर या ईमेल का कोई जवाब नहीं देना चाहिए ना है किसी तरह की जानकारी शेयर की जानी चाहिए।
श्री चैधरी ने कहा कि सोशल मीडिया पर अपनी निजी तस्वीरों एवं अन्य जानकारियों को भी साझा नहीं करना चाहिए। इस व्याख्यान में बड़ी संख्या में मौजूद छात्रों के सोशल फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड, बैंक फ्रॉड एवं हैकिंग से जुड़े विभिन्न सवालों के जवाब श्री किसलय चैधरी ने दिये।
इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलसचिव (कार्यवाहक) प्रोफेसर बी.एन. तिवारी ने व्याख्यान के विषय को वर्तमान परिस्थितियों के लिए प्रासंगिक बताते हुए उम्मीद जताई कि इसका लाभ सभी छात्रों एवं शिक्षकों को मिलेगा। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने भी शुभारंभ अवसर पर व्याख्यान के विषय को वक्त की जरूरत बताते हुए अपनी बात रखी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में फॉरेंसिक साइंस विभाग के विभागाघ्यक्ष डॉ. अश्विनी दीक्षित ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्री संतोष सोनी, सहायक प्राध्यपक, सूचना प्रौद्योगिकी ने किया। कार्यक्रम का संचालन फॉरेंसिक साइंस विभाग की सहायक प्राध्यापक (तदर्थ) श्रीमती सुषमा उपाध्याय ने किया। इस व्याख्यान में विभिन्न अध्ययनशालाओँ को अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

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