सावधान…पुलिस का दावा…वालेट में रखे एटीएम को ओडिशा के ठग कर रहे स्कैन…एसपी ने लिखा बैंकरों को पत्र

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– साइबर अपराध ने पुलिस की नाक में दम कर दिया है। साइबर अपराध के रोज नए-नए कारनामे सामने आ रहे हैं। बिलासपुर पुलिस से जानकारी के अनुसार पिछले कुछ महीनों में बैंक से रूपए पार करने की कुछ ऐसी जानकारी मिली है कि जिसकी कल्पना भी करना मुश्किल है। ओडिशा के कुछ गैंग जेब में वायलेट के अन्दर रखे एटीएम कार्ड को बड़ी आसानी से स्कैन कर नया कार्ड बनाते हैं। इके बाद बैंक खाता बहुत ही आसानी से साफ कर रहे हैं। मामले में पुलिस गहन तलाश शुरू कर दी है। अभी तक पन्द्रह में से पांच मामलों में 6 अारोपियों को धर दबोचा गया है। जल्द ही गैंग के अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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              परम्परागत आन लाइन ठगी का मामला पुराना हो चुका है। बिलासपुर पुलिस की मानें तो अब आनलाइन ठगी के तौर तरीके बदल गए हैं। चलते हुए व्यक्ति की जेब में रखे वालेट के अन्दर का एटीएम कार्ड का बिना हाथ लगाए या बाहर निकाले स्कैन किया जा रहा है। आरोपी एटीएम कार्ड स्कैन करने के बाद नया कार्ड बनाते हैं। इसके बाद बैंक से सभी रूपए आसानी से चट कर जाते हैंं।

                      एडिश्नल एसपी आईपीएस विजय अग्रवाल ने बताया कि बिलासपुर में अभी तक एक 15 से बीस मामले सामने आ चुके हैं। पतासाजी के दौरान जानकारी मिली है कि इसमें ओडिशा के कुछ शातित गैंग का हाथ है। जो बिलासपुर जिले के कई लोगों के साथ घटना को अंजाम दे चुके हैं। मजेदार बात है कि घटना के समय ठगे जाने वाले को किसी प्रकार की जानकारी नहीं होती। जब वह कार्ड लेकर वह एटीेेएम बूथ पर जाता है तो अपने आप को ठगा हुआ पाता है।

            विजय अग्रवाल ने बताया कि इसके अलावा ओडिशा का शातिर गैंगों की नजर एटीएम बूथ पर भी होती है। कुछ ऐसी पुख्ता जानकारी मिली है कि बूथ में कहीं किसी कोने में गैंग के लोग स्पाइस कैम बग फिट कर देते हैं। बग में एटीएम इस्तेमाल करने वालों का कार्ड स्कैन हो जाता है। स्कैन से नया कार्ड तैयार कर खाता की रकम को पार कर दिया जाता है।

                             एडिश्नल एसपी ने बताया कि अभी तक स्कैन कर कार्ड बनाने और खाता साफ करने की पन्द्रह से बीस लोगों की शिकायत मिली है। पुलिस कप्तान अभिषेक मीना से शिकायतों को गंभीरता से लिया है। पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है। अभी तक पांच मामलों में 6 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। आरोपियों से लगातार पूछताछ के बाद पुलिस कार्रवाई सही दिशा में है। गैंग के दस पन्द्रह आरोपियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा। विजय अग्रवाल ने बताया कि स्कैन सिस्टम से आरोपियोंं ने करीब पन्द्रह से बीस लाख रूपयों को पार किया है। पुलिस कप्तान ने लोगों की राशि की सुरक्षा के मद्देनजर बैंक अधिकारियों को पत्र व्यवहार एटीएम बूथ की सुरक्षा को लेकर जानकारी मंगाई है। जानकारी मिलने के बाद बैंक अधिकारियों के साथ बैठक होगी। सुरक्षा के उपायों को लेकर चर्चा भी होगी।

बैंक अधिकारियों से पुलिस कप्तान ने मांगी जानकारी

   आईपीएस विजय अग्रवाल ने बताया पुलिस कप्तान अभिषेक मीना के निर्देश पर सभी बैंक अधिकारियों के साथ पत्र व्यवहार किया गया है। पुलिस कप्तान ने  बैंकरों को कहा है साइबर अपराध की विवेचना में बैंकों से जानकारी विलंंब से मिलने पर जांच पड़ताल में देरी होती है। समय पर जानकारी नहीं मिलने से अप्रत्यक्ष रूप से हम आरोपियों को मदद करते हैं। जिसके कारण पीडितों का विश्वास व्यवस्था पर नहीं रह जाता है। बेहतर होगा कि बैंक मांगे जाने पर पुलिस को जल्द से जल्द साक्ष्य देने की कोशिश करें।

                  अपने पत्र मेंं पुलिस कप्तान ने कहा है कि मांंगे जाने पर समय पर कैमरा फुटेज नहीं दिया जाता है। घटना में किए जाने वाले ट्रांजेक्शन का विवरण नहीं दिया जाता है। बैंक से केवाईसी और बैंक खातों की जानकारी हासिल होने में एक सप्ताह लग जाता है। तब तक आरोपी पुलिस पहुंच से बहुत दूर हो चुका होता है।

           पत्र में बैक अधिकारियों को बताया गया है कि बैंक खातों के जमानतदारों और उनके कन्टेक्ट नम्बर सुलभता से उपलब्ध नहीं होता है। धोखाधड़ी के केस में बैंक मूल दस्तावेजों की जगह फोटो कापी देता है। महसूस किया जा रहा है कि ज्यादा बैंकर्स एविडेंस एक्ट से परिचित नहीं है। यही कारण हैं कि लोगों की पीड़ा और पुलिस कार्रवाई को गंभीरता से नहीं लेते हैं। यह भी देखने को मिला है कि ज्यादातर एटीएम बिना सेक्यूरिटी के संचालित हो रहे हैं। सिक्यूरिटी व्यवस्था देने वालों की भी उन्हें जानकारी नहीं है।

            एडिश्नल एसपी ने बताया कि बैंक अधिकारियों से पुलिस कप्तान ने जानकारी मंगायी है। यदि समय पर जानकारी मिल जाती है तो आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।

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