सिंचाईं नहर के काम में देरी को लेकर नाराज हुए सीएम

Chief Editor
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cm naraj

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रायपुर ।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के तांदुला सिंचाई जलाशय से संबंधित परसदा लघु वितरक नहर के जीर्णोद्धार और गेट निर्माण के लिए 15 लाख 13 हजार रूपए मंजूर होने के लगभग दो वर्ष बाद भी शुरू नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों को मनरेगा के तहत स्वीकृत यह कार्य जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को सवेरे राजधानी रायपुर में निवास परिसर में आयोजित ‘जनदर्शन’ कार्यक्रम में ग्राम पंचायत परसदा (विकासखंड गुण्डरदेही) की सरपंच श्रीमती लक्ष्मी साहू और उनके साथ आए ग्रामीणों के ज्ञापन पर कलेक्टर बालोद को परसदा माइनर नहर और गेट निर्माण का काम जल्द शुरू करवाने के निर्देश जारी किए।

डॉ. रमन सिंह से  जनदर्शन में राजधानी रायपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में आए आम नागरिकों, ग्रामीणों और प्रतिनिधि मंडलों ने मुलाकात की। डॉ. सिंह ने विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों के आग्रह पर लगभग 42 लाख रूपए के 11 निर्माण कार्यों की स्वीकृति तुरंत प्रदान कर दी।
इस मौके पर ग्राम पंचायत बूढ़ाडांड, विकासखंड बगीचा, जिला जशपुर से आए प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपकर बताया कि बूढ़ाडांड स्थित उद्यान विभाग की सरकारी नर्सरी से आलू के बीजों की अफरा-तफरी का एक मामला ग्रामीणों की जागरूकता से प्रकाश में आया था। इस मामले में 40 किलो आलू बीज का अवैध परिवहन करने वाले वाहन को पकड़ा गया था और क्षेत्र के तहसीलदार ने उसका पंचनामा भी किया था। ग्रामीणों ने इस मामले में दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री ने उनके ज्ञापन पर जशपुर कलेक्टर को जांच करने के निर्देश जारी किए। डॉ. रमन सिंह ने दुर्ग जिले के ग्राम सुरपा (तहसील पाटन) से सरपंच श्रीमती कुंती बाई ठाकुर के नेतृत्व में आए प्रतिनिधि मंडल के ज्ञापन पर वहां के लगभग 47 वर्ष पुराने मिडिल स्कूल का उन्नयन हाईस्कूल के रूप में करवाने का आश्वासन दिया। यह मिडिल स्कूल वर्ष 1968 से संचालित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों का ज्ञापन स्कूल शिक्षामंत्री श्री केदार कश्यप को आवश्यक कार्रवाई के लिए भिजवाया। इस मौके पर कोरबा जिले के ग्राम खम्हरिया (विकासखंड पाली) के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर खम्हरिया के अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल वार्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस संबंध में आवश्यक पहल करने का आश्वासन दिया। ग्राम पंचायत मेहंदी (विकासखंड पामगढ़) जिला जांजगीर-चाम्पा के अंजनी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने भी आज जनदर्शन में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने डॉ. रमन सिंह को बताया कि स्व-सहायता समूह ने ग्राम पंचायत मेहंदी के तालाबों में मछलीपालन और साफ-सफाई का बीड़ा उठाया है, लेकिन इस कार्य के लिए धनराशि की कमी हो रही है। मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूह को हर संभव सहयोग का भरोसा दिया और उनका ज्ञापन आवश्यक कार्रवाई के लिए कलेक्टर जांजगीर-चाम्पा को भिजवाया।
जनदर्शन में कबीरधाम जिले के बैगा आदिवासी बहुल ग्राम शंभूपीपर (विकासखंड बोड़ला) के लोगों ने मुख्यमंत्री को अलग-अलग दो ज्ञापन सौंपे, जिनमें उन्होंने गांव में पेयजल के लिए हैंडपम्प स्वीकृत करने और ग्राम पंचायत शंभूपीपर के आश्रित गांव बरहापानी में सौर ऊर्जा से बिजली की सुविधा दिलाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस संबंध में हर संभव सहयोग का वायदा किया। उन्होंने सौर ऊर्जा के लिए ग्रामीणों का ज्ञापन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) को भिजवाया। कबीरधाम जिले के ही विकासखंड बोड़ला के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मिलकर ग्राम बोक्करखार से कबीरपथरा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क बनवाने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने उनका आग्रह स्वीकार कर लिया और उनका ज्ञापन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर को भिजवाया। ग्रामीणों का कहना था कि इस सड़क के बनने पर ग्राम शंभूपीपर सहित कई गांवों के बैगा आदिवासियों और अन्य लोगों को आने-जाने की बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही बोक्करखार के साप्ताहिक बाजार में भी लोगों का आना जाना आसान हो जाएगा।

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