सिंचाई विभाग बना दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का अड्डा….. 24 लाख का हुआ फर्जी भुगतान

Chief Editor
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रामानुजगंज(पृथ्वीलाल केशरी) । आये दिन चर्चाओं में रहने वाले जल संसाधन विभाग अब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के भरोसे हो कर रह गया है।जहाँ रेगुलर कर्मचारियों से  शासकीय कार्य न करवाकर मनमाने ढंग से रखे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से करवाया जा रहा है। वही भारी वितीय अनिमितता भी करवाई जा रही है ।
कार्यालयीन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जल संसाधन विभाग संभाग क्रमांक दो रामानुजगंज में 7 से 8 दैनिक  वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है । जिनको उप संभाग में भी पद्स्थापना दी गई है । इन कर्मचारियों को शासन के नियमो को बिना पालन किये मनचाहे अनुसार कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम के द्वारा रख लिया गया है तथा इनका वेतन भी कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम के बेटे के फर्म मेसर्स आशु आई टी वर्ल्ड के नाम से कंप्यूटर सामान खरीदी के नाम पर किया जाता है। इन सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर रखने हेतु सर्किल ऑफिस  अंबिकापुर में अनुमति के लिये भेजा गया था ।  परंतु नियमो का हवाला देते हुए अधीक्षण अभियंता द्वारा तत्काल इनको भार मुक्त करने हेतु आदेशित किया गया था। परन्तु कार्यपालन अभियंता उमाशकर राम के तानाशाही रवैये से इनको अभी तक रखा कर भारी वितीय अनियमितता कराई जा रही है । अभी हाल में हुए मनरेगा में लगभग 25 लाख की गड़बड़ी भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सुरेंद्र कुमार सिंह के द्वारा करवाया गया। मनरेगा कार्य के पेमेंट की जवाबदारी रेगुलर कर्मचारी के होते एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को देना  समझ से परे है । इससे यह स्पष्ट होता है कि कही न कही इस गड़बड़ी के पीछे कार्यपालन अभियंता  का भी सहयोग रहा होगा। गड़बड़ी होने के बाद आनन फानन में जांच दल गठित किया गया और उनमें उन लोगों को सदस्य बनाया गया जो पिछले वर्ष भी मनरेगा कार्य में उनकी भूमिका संदिग्ध थी। इससे पहले मनरेगा का कार्य रेगुलर कर्मचारी से कराया जा रहा था । परंतु कार्यपालन अभियंता  के द्वारा रेगुलर कर्मचारी को हटाकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को लाकर कार्य सौपा गया  । वित्तीय अनिमितता की गई व् गड़बड़ी होने के बाद दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सुरेंद्र कुमार सिंह, जनपद पंचायत रामचंद्रपुर के ग्राम पंचायत पिपरौल को कार्यालय से निष्कासित भी कर दिया गया। कार्यपालन अभियंता  के कृतियों के ऊपर अब ये देखना है कि शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है।
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