बिलासपुर— सिम्स को एमसीआई से पीजी की 6 सीटों का तोहफा मिला है। 6 सीटों में से दो सीट ईएनटी और चार सीट बायोकेमेस्ट्री विभाग के खाते में जाएंगी। सिम्स प्रबंधन समेत डॉ. आरती पाण्डेय ने हासिल पीजी की 6 सीटों के लिए प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की है। सिम्स प्रबंधन के अनुसार सिम्स के 20 साल के इतिहास में पहली बार किसी क्लीनिकल विषय में पीजी की सीट हासिल हुई है। खुशी की बात है कि एमसीआई ने ईएनटी विभाग को चार सीट का तोहफा दिया है।
डॉ.आरती पाण्डेय ने बताया कि 24 सितंबर 2019 को स्नातकोत्तर पाठयक्रम को लेकर एमसीआई की टीम ने सिम्स का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान टीम ने सिम्स व्यवस्था को लेकर खुशी जाहिर की थी। बेहतर परिणाम के आधार पर टीम ने बायोकेमेस्ट्री विभाग के लिए 4 पीजी सीटो की स्वीकृत की हैं। बायोकेम्स्ट्री विभाग में चार सीट मिलने से ना केवल चिकित्सक स्टाफ की कमी दूर होगी। बल्कि मरीजों को इसका सीधा फायदा होगा।
डॉ. आरती ने बताया कि एमसीआई की टीम ने 21 सितम्बर 2019 को निरीक्षण के दौरान संतुष्ट होने पर ईएनटी विभाग को भी एमएस की 02 सीटों का तोहफा दिया है। ईएनटी विभाग में पीजी छात्रों के आने से मरीजों को उपचार में आसानी होगी । जाहिर सी बात है कि डाक्टरों की कमी भी दूर होगी।
सिम्स प्रबंधन ने बताया कि एमसीआई से 6 सीटों की मान्यता से सिम्स में स्टाफ के साथ आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार होगा। मरीजों को नवीन शल्य प्रक्रियाओं का सीधा मिलेगा। सिम्स प्रबंधन के अनुसार पिछले कई सालों से पीजी सीट के लिए प्रयास जारी था। जिसका परिणाम अब मिलने लगा है।
प्रबंधन ने बताया कि इस समय सिम्स में पीएसएम विभाग में 01, एनाटाॅमी विभाग में 03, और एफएमटी विभाग में पीजी की दो सीट हैं। वर्तमान 6 सीट मिलने के बाद सिम्स में कुल 12 स्नातकोत्तर की सीटें हो गयी है।
आरती पाण्डेय ने बताया कि सिम्स को पीजी की 6 सीट हासिल होने पर अधिष्ठाता डाॅ.पी.के.पात्रा समेत सिम्स स्टाफ ने सभी को शुभकामनाएं दी हैं। श्रीमती डॉ. पाण्डेय के यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही सिम्स को शिशु रोग, पैथोलाजी, फार्मोकोलाजी, माइक्रोबायोलाजी और नेत्ररोग विभाग की कुल पांच सीटों का मिलना निश्चित है।