सिम्स प्रबंधन के खिलाफ कांग्रेस नेता ने जताया आक्रोश..सीएम को लिखा पत्र..बताया..सोची समझी रणनीति से किया जा रहा बदनाम..मरीज परेशान

BHASKAR MISHRA
6 Min Read
बिलासपुर—- जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने सिम्स के डीन से मिलकर अव्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की है। केशरवानी ने लिखित शिकायत के साथ डीन पी.के.पात्रा को बताया कि प्रबंधन की लचर व्यवस्था के चलते सिम्स मेडिकल कॉलेज और अस्पताल  बदइन्तजामी का शिकार हो गया है। यह जानते हुए भी कि सरकार बदल चुकी है। बावजूद इसके सिम्स प्रबंधन अपनी भाजपा शासन की खराब आदतों से बाज नहीं आ रहा है। 
 
                         सिम्स की लगातार मिल रही शिकायतों के बीच आज जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी सिम्स के डीन पी.के.पात्रा से बातचीत की। उन्होने मुख्यमंत्री,कलेक्टर,स्वास्थ्य मंत्री और विधायक के नाम शिकायत पत्र भी दिया।
 
        विजय केशरवानी ने डीन से मुलाकात कर बताया कि सिम्स प्रबंधन पुरानी सरकार के ढर्रे पर चल रही है। मरीजो को, आम जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है । प्रतिदिन किसी ना किसी बहाने लापरवाही की चर्चा होती है। लोगो मे सिम्स और सरकार के प्रति अविश्वास पैदा हो रहा है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में विजय ने बताया कि सिम्स प्रबंधन की लापरवाही और गिरते स्तर से बहुत ही चिंतनीय है।
 
           विजय ने डीन को बताया कि सिम्स में सोनोग्राफी जांच, सिटी स्कैन जांच,स्पेशल एक्सरे जांच एवम एमआरआई जांच नही हो रही हैं । सरकार के प्रयास से 2019  एसईसीएल के सहयोग से 21 करोड़ की राशि सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन की खरीदी की अनुमति हुई। लेकिन प्रबंधन खरीदी को लेकर मामले को पेपर में उलझाता रहा। आज तक सिम्स में सिटी स्कैन और एमआरआई मशीने नही लग पाई है । मशीन के लिए स्पॉट इंस्पेक्शन नही करवाया गया है। ना ही  एक्सपर्ट की राय ली गयी है। भाभा एटॉमिक सेन्टर से मैप-डिज़ाइन एप्रूव भई नहीं करवाया गया है । मशीन आ भी जाएगी तो महीनों इंस्टालेशन के लिए पड़ा रहेगा ।
 
              विजय ने बताया कि बायोकेमिस्ट्री जांच में बहुत से बेसिक पैरामीटर्स नही हो रहे हैं। थॉयरॉइड जांच सिर्फ बोर्ड और पेपर में है । महीने में 2-4 दिन ही जांच उपलब्ध है बाकी दिनों में मरीजो को बाहर से जांच करवानी पड़ रही है । लिपिड प्रोफाइल जांच का भी ऐसा ही हाल है । कोलेस्ट्रॉल हो रहा है तो ट्राइग्लिसराइड्स नही हो रहा है । एचडीएल नही हो रहा है । आधा अधूरा जांच होने से मरीजो को बाहर जाकर फिर से जांच करवाना पड़ता है । लिवर फंक्शन टेस्ट भी आधा अधूरा होता है । जबकि सरकार ने विलायती अत्याधुनिक मशीने दे रखी है । पैसो की कोई कमी नही है। बावजूद इसके बायोकेमिकल टेस्ट हो ही नही रहे हैं । शुगर जांच तक की रिपोर्ट खराब आ रही है ।
 
               बातचीत के दौरान डीन से कांग्रेस नेता ने बताया कि जब केंद्र में सरकार थी तब कई अस्पतालों में ट्रामा यूनिट की स्थापना के लिए केंद्र से फंड दिया था । सिम्स में 10 साल बीत जाने के बाद भी ट्रामा यूनिट नही बना सके हैं। यंहा ऑर्थोपेफिक डिपार्टमेंट के ये हाल है कि सिंपल फ़्रैक्चर को भो पहले 10 दिन घुमाया जाता है।
 
                                       ट्रेड मील, इकोकार्डियोग्राफी, ईसीजी और एंडोस्कोपी जांच हृदय के मरीजो की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुविधायों का लाभ मरीजो को ना मिल पाना प्रबंधन की लापरवाही है। कोई जांच करने वाला ही नही है । हार्ट के मरीज भर्ती होते हैं।  उनको या तो रिफेर कर दिया जा रहा है या फिर उसकी जांचे बाहर से हो रही है ।
 
              ट्यूमर मार्कर, हिस्टोपैथोलॉजी, इम्यूनों केमिस्ट्री जो कि मेडिकल कॉलेज में होना चाहिए। पहले हुआ करते थे अब सब बन्द पड़े हैं। बहरेपन के ईलाज के लिए या फिर अपंगता प्रमाणपत्र के लिए बेरा टेस्ट उपलब्ध नही हो पा रहा हैं।
 
                      विजय ने कहा कि सिम्स मे विशेषज्ञ चिकित्सको की कमी है। आज भी कार्डियोलोजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, यूरोलोजिस्ट, ऐडोक्रिनोलॉजिस्ट, गेस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट, केंसर स्पेसलिस्ट, की कमी है । इस दिशा में कोई काम नही किया गया। कई विभाग ऐसे हैं जिसमे एक -दो डॉक्टरों से काम चलाया जा रहा है।
 
                                 कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रबंधन राज्य सरकार को इन पदों पर नियमित भर्ती के लिए ना तो अवगत कराया गया है और ना ही कोई प्रयास किया गया है । रेजिडेंट डॉक्टर की कमी है । प्रबंधन के रवैये के कारण लोग आते हैं और छोड़कर जा रहे हैं ।जिनका ट्रांसफर हुआ या जो छोड़ कर चले गए तो उनके स्थान पर दूसरा कोई पदस्थ हो इसके लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया।
 
 नाराजगी जाहिर करते हुए विजय ने कहा कि सिम्स प्रदेश का दूसरा बड़ा मेडिकल कॉलेज है। मुख्यमंत्री की आशाओं के विपरीत जाकर प्रबंधन लापरवाही कर रहा है। 
Share This Article
close