सीबीआई के खिलाफ न्यायाधानी बंद…राजधानी ने मांगा न्याय

BHASKAR MISHRA
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IMG_20151219_123541 बिलासपुर–पत्रकार सुशील पाठक हत्याकांड मामले में जांच कर रही सीबीआई कीIMG_20151219_121700 भूमिका पर सवालिया निशान लग चुका है। बिलासपुर प्रेस क्लब के आह्वान पर आज पूरे शहर समेत संभाग के सभी जिलों में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से ही शहर में दुकानों के ताले बंद देखने को मिले। चाहे राजनीतिक संगठन हो,सामाजिक संगठन या फिर व्यापारिक संगठन सबने शहर बंद का समर्थन खुलकर किया। आज ही के दिन 19 और 20 दिसंबर के दरम्यानी रात में पत्रकार सुशील पाठक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मामले को 5 साल हो गए। हत्यारा पुलिस के शिकंजे से अब भी दूर है। जांच कर रही सीबीआई की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए हाईकोर्ट में प्रेस क्लब और दिवंगत पत्रकार की पत्नी के द्वारा मामले की एस.आई.टी से जांच की मांग को लेकर एक याचिका भी दायर की है। हाईकोर्ट लगातार सीबीआई से मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब कर रहा है। बावजूद इसके सीबीआई मामले में लगातार टालमटोल करती नजर आ रही है। बिलासपुर प्रेस क्लब ने साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि अब आनेवाले दिनों में जल्द से जल्द  अपराधियों को बेनकाब नहीं किया गया तो शहर के पत्रकार उग्र आंदोलन को बाध्य हो सकते हैं..

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IMG_20151219_131108         सुशील पाठक की हत्या की जांच में देरी और सीबीआई के ढुलमुल रवैये के विरोध में शनिवार को “बिलासपुर बंद” IMG-20151219-WA0016का शहर में व्यापक असर देखने को मिला। बंद का आयोजन बिलासपुर प्रेस क्लब और शहरवासियों ने मिलकर किया था।  बिलासपुर के पत्रकारों, नागरिकों, राजनैतिक और व्यापारिक संगठनों ने बिलासपुर बंद के दौरान गांधी प्रतिमा से नेहरू चौक तक रैली निकालकर सीबीआई के प्रति आक्रोश जाहिर किया। भारी संख्या में पत्रकार और नागरिक गण “सुशील पाठक के हत्यारों को गिरफ्तार करो” के नारे लगाते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। प्रेस क्लब अध्यक्ष शशिकांत कोन्हेंर की अगुवाई में कलेक्टर को महामहिम राष्ट्रपति, प्रदेश के राज्यपाल ,प्रधानमंत्री और सीबीआई के डायरेक्टर नाम ज्ञापन सौपा गया

                            अपर कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने ज्ञापन स्वीकार किया। बाद में पत्रकार सर्किट हाउस स्थित सीबीआई के अस्थायी ठिकाने पर भी गए।  किसी अधिकारी के न मिलने पर पत्रकारों ने विरोध स्वरुप अपने साथ लाए बैनर, पोस्टर और “कब मिलेगा न्याय” लिखी तख्तियां दरवाजे पर छोड़ा। इसके पहले पत्रकारों और नागरिकों का हुजूम स्व. सुशील पाठक के सरकंडा स्थित निवास के सामने पहुंचा और सभी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

2/19/2002 6:26 PM                 पत्रकारों के इस आंदोलन का असर बिलासपुर शहर के अलावा पूरे जिले में देखने को मिला। 2/19/2002 6:25 PMतखतपुर तखतपुर प्रेस क्लब ने जन सामान्य के सहयोग से नगर को बंद कराया। वरूण की अगुवाई में सर्व मंच ने तहसीलदार को राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। मंच ने समवेत स्वर में पाठक के हत्यारे को बेनकाब करने और सीबीआई को सही दिशा में काम करने की गुजारिश की।  पेण्ड्रा-गौरेला में सर्वमंच ने सुभाष अग्रवाल और शरद अग्रवाल के साथ तहसीलदार को स्वर्गीय सुशील पाठक हत्याकाण्ड जांच में सीबीआई की भूमिका के प्रति चिंता जाहिर की।  रतनपुर और  कोटा में पत्रकारों ने बंद को सफल बनाया। जिम्मेदार अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।  मस्तूरी,बिल्हा में भी पत्रकारों ने जनसामान्य के सहयोग से पाठक को न्याय मिलने में हो रही देरी के लिए सीबीआई को आड़े हाथ लिया। कोरबा में प्रेस क्लब अध्यक्ष गेंदलाल शुक्ला और अन्य पत्रकार साथियों के साथ जन सामान्य ने कलेक्टर को पाठक हत्याकाण्ड में जांच में हो रही हीलाहवाली को लेकर सीबीआई के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया।

IMG-20151219-WA0015IMG-20151219-WA0013                  राजधानी रायपुर में भी रायपुर प्रेस क्लब ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर अपना आक्रोश जाहिर किया। साथ ही न्याय में देरी होने के लिए सीबीआई को दोषी ठहराया।

                 बिलासपुर बंद को जिला कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी, एनएसयूआई, भाजयुमो, आम आदमी पार्टी,शिवसेना ,चेंबर ऑफ़ कामर्स, क्रेडाई, उद्योग संघ, ऑटो ऑनर्स एसोसिएशन, शिवसेना, व्यापार विहार व्यवसायी संघ, तेलीपारा व्यापारी संघ, बुधवारी बाजार व्यापारी संघ, सदर बाजार-गोल बाजार व्यापारी संघ, थोक कपड़ा व्यवसायी संघ, पेट्रोलियम डीर्ल एसोसिएशन सहित सभी प्रमुख संगठनों ने समर्थन दिया। दवा व्यवसायियों ने भी अपने प्रतिष्ठानों के आधे शटर बंद रखकर आंदोलन में अपनी सहभागिता को प्रदर्शित किया। इसके अतिरिक्त सभी स्कूल और कॉलेज भी बंद रहे।

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