बिलासपुर। डाॅ.सी.वी.रामन विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अब आईएएस,आईपीएस,छत्तीसगढ़ पीएससी,एसएससी, रेलवे और व्यापमं द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की तैयारी करेंगें।विश्वविद्यालय में आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। इस अवसर पर राम एकेडमी की भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था विषय पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया। सीवीआरयू के विद्यार्थी अब तकनीकी षिक्ष के साथ अब देष और राज्य की प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर राज्य और विष्वविद्यालय का नाम रौशन करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने कोर्स की तकनीकी विषयों की पढ़ाई के साथ सभी विद्यार्थियों को प्रषासनिक सेवा की तैयारी कराने का जिम्मा उठाया है। इसके लिए हर संकाय के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की पढ़ाई कराई जाएगी।
सोमवार को पहले चरण में विश्वविद्यालय में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को बिंदुवार प्रारंभिक जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को बताया गया कि प्रषासनिक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। श्री राम एकेडमी के संचालक राम कश्यप ने विद्यार्थियों से कहा कि संविधान व राजव्यवस्था को समझे कभी भी रटने का प्रयास न करें। इसके साथ सभी विषयों का तुलनात्मक रूप से अध्ययन करें। श्री कश्यप ने राष्ट्रपति-राज्यपाल,लोकसभा-विधानसभा, प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ श्री कश्यप ने अनुच्छेद याद करने की वैज्ञानिक विधि, गणित को 10-20 सेकेंट में आसानी से हल करने का तरीका, प्रतियोगी परीक्षाओं में भाशा की तैयारी कैसे करना और भाषा लिखने के तरीके के गुर सिखाए। श्री कश्यप ने प्रतियोगी परीक्षा में चयन के आधार और कटआफ मार्क के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और विद्यार्थियों के सवाल के जवाब भी दिए। इस अवसर पर राम कश्यप एकेडमी की भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था विषय पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर सभी विभागों के विभागाध्यक्ष,प्राध्यापक,अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
तकनीकी शिक्षा के बाद भी प्रशासनिक सेवा में शामिल हों-कुलपति
इस अवसर पर विष्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने कहा कि विद्यार्थी इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि वे ग्रेजुएशन के पड़ाव में है। इसके बाद उनके जीवन के रोजगार के लिए संघर्श करने की राह है, इसलिए विश्वविद्यालय ने फैसला लिया है कि यहां के विद्यार्थियों को प्रशासनिक सेवा की परीक्षाओं की भी तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय में ही कक्षाएं आयोजित की जाएगी।
जब रिक्शे वाले का बेटा कलेक्टर हो सकता-कुलसचिव
सेमीनार में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि आज जब रिक्शे वाले के बेटा कलेक्टर बन सकता और ऐसे कई उदाहरण समाज में हैं ऐसे में सीवीआरयू और कोटा अंचल के विद्यार्थी प्रशासनिक परीक्षा में सफल क्यों नहीं हो सकते। जबकि आज के विद्यार्थियों के पास सबसे अधिक सुविधाएं और अवसर है। मार्गदर्शन देने वाले शिक्षक है, दुनिया की जानकारी जुटाने का सबसे बड़ा माध्यम इंटरनेट है,तो फिर असफल होने का प्रष्न ही नहीं उठता। श्री पाण्डेय ने इस बात में दो मत नहीं है कि ग्रामीण आदिवासी अंचल से भी प्रतिभाएं निकलकर सामने आएंगी और अंचल के युवा प्रषासनिक पदों में बैठकर प्रषासन भी करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय ने देश के सर्वोच्च संस्थानों से अनुबंध किया है। इसमें प्रदेश व स्थानीय कोचिंग संस्थानों से भी अनुबंध किया गया जो निरंतर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा की जानकारी देंगे।
साथ ही देश के बड़े संस्थानों के विषय विशेषज्ञ नियम तारीख में विश्वविद्यालय आकर पढ़ाएंगें और टेस्ट भी लेंगें। श्री पाण्डेय ने बताया कि इस प्रकार से पढ़ाई और टेस्ट दोंनों की तैयारी कराई जाएगी। श्री पाण्डेय ने बताया पहले ही विश्वविद्यालय के रेडियो रामन् के माध्यम से विद्यार्थियों के अलावा अंचल के लोगों को प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी दी जा रही है, जिससे वनांचल से लेकर ब्लाक स्तर में रहने वाले विद्यार्थी तैयारी में जुटे हैं और सफल भी हो रहे हैं।