सीवीआरयू में बी.वोक को स्नातक की मान्यता

Shri Mi
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cvru campusबिलासपुर(करगीरोड)। बैचलर आॅफ वोकेशन कोर्स की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की अच्छी खबर है कि अब उनकी यह डिग्री स्नातक डिग्री के रूप में मान्य होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बैचलर आॅफ वोकेशन कोर्स की डिग्री को यूजीसी एक्ट 1956 की धारा 22 (3) के अंतर्गत 19 जनवरी 2013 के भारत के राजपत्र में शामिल किया है। बी.वोक को स्नातक के रूप में मान्य किए जाने के बाद अब विद्यार्थी केंद्र व राज्य सरकार की सिविल सेवा व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे। साथ ही इस आधार पर उच्च शिक्षा में प्रवेश लिया जा सकेगा।

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                            इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव डाॅ. जसपाल एस.सन्धु ने 4 अगस्त 2016 को एफ. 2-7/2014 (सीसी/एनवीईक्यूएफ)में देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति व राज्य सरकार को पत्र जारी कर जानकारी दी है, कि बैचलर आॅफ वोकेशनल कोर्स को अब तीन वर्षीय स्नातक डिग्री रूप में मान्यता दी गई है। बी.वोक को उन विषयों में शामिल किया गया है। जिस कोर्स में पढ़ाई करने के बाद विद्यार्थी को स्नातक की डिग्री जी जाती थी और वह देश के सभी स्नातक की पढ़ाई करने के बाद वाले प्रतियोगी परीक्षाओं और पीजी की परीक्षा में शामिल होने के पात्रता रखता है।

                      इस संबंध में जानकारी देते हुए डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का निर्देश उन सभी विद्यार्थियों के लिए वरदान है, कि जो किन्ही भी कारणों से लगातार ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई नहीं कर पाते है। इस फैसले से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यदि विद्यार्थी एक साल की पढ़ाई करता है तो उसे डिप्लोमा दिया जाएगा, इसके बाद बे्रक लेकर पुनः फिर प्रवेश लेकर वह विद्यार्थी पढ़ाई कर सकता है, इसी तरह वह तीसरे साल भी खण्ड में पढ़ाई कर सकता है। कुल मिलाकर उसकी तीन वर्ष की पढ़ाई पूरी हो जाएगी और हम एक ग्रेजुएट विद्यार्थी समाज को दे पाएंगें।

                        बी.वोक इन टेली कम्युनिकेशन, बी.वोक इन रिटेल मेनेजमेंट इन आईटी और बी.वोक इन मैन्युफैक्चरिंग मैन्युफेक्चरिंग में वेल्डिंग, सीएमसी,शीट मेटल वर्क, ड्राफ्टिंग आदि कार्य के लिए स्नातक स्तर पर कुशल मैनपावर की डिमांड पूरी हो जाएगी। इसी तरह टेली कम्युनिकेशन फाईबर आप्ट्रिकल केबल टेक्नीशियन, नेटवर्क इंजीनियर,ब्रांड बैड इस्टालर,पावर सिस्टम इंजीनियरिंग स्नातक होंगें और उन्हें असानी से रोजगार मिल सकेगा। इसी तरह रिटेल मैनेजमेंट के क्षेत्र में बिलिंग एक्जिकेटिव, रिटेल सेल्स एक्जिकेटिव, स्टोर सुपर वाईजर, माॅल मेनेजर और ब्रांड मैनेजर के युवा काम के साथ स्थानक होंगें जिसे उन्हें कार्य क्षेत्र में ही प्रमोशन और प्रोस्साहन मिलेगा। इसके साथ विद्यार्थियों को कई क्षेत्र में काम के अवसर विद्यार्थियों को मिलेंगे। इसके साथ ये सभी विद्यार्थी हर प्रतियोगी परीक्षा और उच्च शिक्षा में प्रवेश अपने रूचिकर क्षेत्र में रिसर्च तक जा सकते हैं।

5 लाख विद्यार्थियों के लिए सुनहरा अवसर-कुलपति
dubey_cvruविवि के कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने बताया कि केंद सरकार की मंशा के अनुसार मानव संसाधन मंत्रालय और यूजीसी ने सेंटर फाॅर नाॅलेज एक्यूविजिशन एंड अपग्रेटेशन और स्कीड ह्यूमन एबिलिट्सि एंड लाइवली वुड स्थापित करने के लिए प्रस्ताव मांगे थे। जिसमें देश भर के 708 विश्वविद्यालय व काॅलेजों ने प्रस्ताव दिया था। हर प्रदेश व विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है कि प्रदेश में एक डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय को चयन किया गया। इसके बाद छत्तीसगढ़ शासन ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा घोषित डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के पं. दीनदयाल कौशल केंद्र को स्टेट रिसोर्स सेंटर घोषित किया है। इसी शिक्षा सत्र से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय बी.वोक व एम.वोक पाठ्यक्रम की पढ़ाई कराई जा रही है। इसके प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों को कौशल में दक्ष किया जाएगा और उन्हें रोजगार मिल सकेगा। यह देश का पहला विश्वविद्यालय है,जिसे स्टेट रिसोर्स सेंटर स्थापित कर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई है।

cvr shail newइनरोलमेंट प्रतिशत में होगी वृद्वि-कुलसचिव
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में स्थापित दीनदयान कौशल केंद्र में बी वोक इन टेली कम्युनिकेशन, बी.वोक इन रिटेल मेनेजमेंट इन आईटी और बी.वोक इन मैन्युफैक्चरिंग पढ़ाई कराई जा रही है। साथ ही इन्हीं तीन विषयों में एम.वोक के कोर्स संचालित है। इसके साथ इन विषयों से संबंधित शोधकार्य को भी जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा का प्रतिशत की स्थित काफी चिंतनीय है। स्कूली शिक्षा के बाद स्नातक और स्नातकोत्तर में यह प्रतिशत काफी कम हो जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के इस फैसले से इनरोलमेंट प्रतिशत में होगी वृद्वि होगी। जो प्रदेश की नहीं देश के इनरोलमेंट प्रतिशत में वृद्वि करेगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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