सीवीआरयू में हुआ स्वास्थ्य जागरूकता पर सेमीनार

Shri Mi
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DSC_5568बिलासपुर(करगीरोड)। डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य जागरूकता विषय पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के सीएमओ डाॅ.अविजीत रायजादा ने डायबिटीज को मारो नहीं तो यह तुम्हे खत्म देगा विषय पर डायबिटीज के बारे में विस्तार से बताया। सोनोलाॅजिस्ट डाॅ.एन.के. मोटवानी ने भ्रूण परीक्षण बंद हो विषय पर व चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा.अखिलेश देवरस ने धुम्रपान निषेध विषय पर जानकारी दी। इसी तरह स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. मंजु कुमार व सर्जन शैला मिल्टन ने स्त्री रोग और उससे बचाव के बारे में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्राध्यापकों को जानकारी दी। चिकित्सको ने डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के प्राकृतिक वातावरण को स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर बताया।

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            DSC_5663इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. आर.पी.दुबे ने कहा कि शहर के वरिष्ठ चिकित्सकों ने गंभीर बिमारियों के लक्षण और उसके उपचार के बारे में सरल तरीके से हम सभी को जानकारी दी है। इससे सभी को गंभीर बीमारी और उसके बचाव की बात आसानी से समझ आई है। हम सभी उन बीमारियों से बचने के लिए सतर्क हो गए हैं। खास कर युवा स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहें। डाॅ. दुबे ने कहा कि जागरूकता अभियान का यह सिलसिला अब नहीं थमेगा और लगातार चलता रहेगा। विश्वविद्यालय की ओर से परिसर के बाहर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

बीमारी से बचाव के लिए ज्ञान जरूरी-कुलसचिव
DSC_5591इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि आम नागरिक को बीमारी से बचाव के लिए पढ़ाई की जरूरत नहीं होती है बल्कि उसे इस बारे में ज्ञान लेना जरूरी होता है। इस ज्ञान को सुनकर और समझकर वह सावधानी बरतता है। श्री पाण्डेय ने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह भी है कि स्वास्थ्य बेहतर रखने का ज्ञान तो खराब व कठिन परिस्थतियों में फंसकर मिलता है। इसलिए हमें आज के अतिथियों की बातों को ध्यान से सुनकर जीवन में उतारना होगा। ताकि हम सब बीमारी से दूर रहे और स्वस्थ्य जीवन व्यतीत करें। श्री पाण्डेय ने बताया कि विश्वविद्यालय में समय समय पर स्वास्थ्य शिविर लगाया जाता है, जिसमें बीमारी और उससे बचाव के बारे में जानकारी दी जाती है।

DSC_5611हिप्पी कल्चर से नशे की गिरफ्त में युवा-डाॅ.देवरस
चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा.अखिलेश देवरस ने स्टाप स्मोकिंग नाव विषय पर अपने व्याख्यान में बताया कि हिप्पी कल्चर की शुरूआत जमाईका से हुई थी। जो धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल गई। आज जो रेव पार्टी भारत में मानाई जा रही है। सही मायने में वे हिप्पी कल्चर का ही एक रूप है। जिसमें युवा नशे के आदी होते जा रहे है। डाॅ. देवरस ने बताया कि इसके अलावा विज्ञापन व फैशन के कारण भी युवा नशा करने लगे है। ज्यादा काम करने की ताकत,टेंशन और डिप्रेशन,मानसिक शांति के नाम पर भी लोग नशा करते है। जबकि ये बातें मिथक हैं। डाॅ. देवरस ने नशे के आदी होने वाले लोगों को इससे बचने के उपाए की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने से कैंसर हो सकता है। इसलिए भावी पीढ़ी को नशे के कल्चर से बचना चाहिए।

घर के बजट के तरह रखे कैलोरी का हिसाब-डाॅ.रायजादा

कार्यक्रम में किडनी व हदय रोग विशेषज्ञ डाॅ.अविजीत रायजादा ने बताया कि आज हर व्यक्ति शुगर के मरीज होने के करीब है, अनियमित दिनचर्चा और खान पान के प्रति लापरवाही जैसी सामान्य बातें ही शुगर का कारण बन सकती है। डाॅ. रायजादा ने यूएस के अनेक आंकड़ों से प्री डायबिटीक के लक्षण को बताया। उन्होने इनसुलिन नहीं बनने के कारणों में देर रात तक जागना,तनाव, अनियमित जीवन शैली, व्यायाम न करना बताया। डाॅ. रायजादा ने बताया कि मोटापा से बचने और इसे कम करने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है।

गठान को नजर अंदाज न करें-डा.ॅ मिल्टन
सर्जन शैला मिल्टन ने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आम तौर पर यह वंशानुगत, स्तनपान नहीं कराने से होता है। स्तन में किसी भी प्रकार की गठान या लाल धब्बा होने पर तत्काल डाॅक्टर को दिखाना चाहिए। आम तौर पर ऐसी समस्या को महिलाएं नजरअंदाज कर देती है। लेकिन ये बात महत्वपूर्ण है कि यह उम्र के किसी भी पड़ाव में हो सकता है। इसे प्राथमिक स्तर पर ही डाईग्नोज कर लेने से इसे आसानी से दवा या सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। नहीं तो किमो थेरोपी और रेडियो थेरोपी से इसका इलाज किया जाता है, जो काफी कष्टप्रद होता है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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