बिलासपुर(करगीरोड)।डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में नेशनल स्पोर्टस् एकेडमी, बायोटेक क्लस्टर व मल्टी स्कीलिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। विश्वविद्यालय की शासी निकाय की बैठक में यह फैसला लिया गया है। विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ शारीरिक विकास के लिए इनडोर स्टेडियमइनडोर स्टेडियम, जिम सहित अन्य खेल-कूद की सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।डाॅ. सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में शासी निकाय की बैठक आयोजित की गई,जिसमें विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चैबे, कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे और कुलसचिव शैलेष पाण्डेय व राज्यपाल के मनोनत सदस्य शामिल हुए। इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि बैठक में बीते 10 साल के बड़े फैसलों में तीन और बड़े फैसले लिए गए हंै। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चैबे ने तीन बड़े फैसलों पर मुहर लगाई है।
श्री चैबे ने कहा है कि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ्य मन निवास करता है और युवाओं का तन और मन सदैव स्वस्थ्य होना चाहिए। यह उम्र के इसी पड़ाव में ही संभव है जब युवा विद्यार्थी हों। इसे ध्यान में रखते हुए डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में नेशनल स्पोर्टस् एकेडमी स्थापित की जाएगी। इसके लिए सभी खेलों के लिए इनडोर स्टेडियम बनाया जाना तय किया गया है। खास बात यह है कि यह मल्टीपरपज स्टेडयम होगा,जिसमें सभी खेल हो सकेंगे। श्री चैबे ने बताया कि वर्तमान समय में खेलों के लिए तकनीकी रूप से अपडेट अधोसंरचना और सुविधाएं जरूरी होते है। इस बात को ध्यान में रखकर ही खेलों का आयोजन होता है और खिलाड़ी भी अब पारंपरिक को छोड़कर हाईटेक होते जा रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हाईटेेक इनडोर स्टोडियम बनाना तय किया गया है, जिसे सभी राष्ट्रीय मानकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। श्री चैबे ने बताया कि आउटडोर स्पोर्टस् के लिए विश्वविद्यालय में क्रिकेट और फुटबाल मैदान तैयार किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय मानकों के अनुसार 400 मीटर टैªक तैयार किया जाएगा।
बनेगा बायोटेक क्लस्टर-
शासी निकाय की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल मे ही घोषित स्टार्टअप योजना के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में बायोटेक रिसर्च को ध्यान में रखते हुए उसका विस्तार बायोटेक क्लस्टर के रूप में करने का निर्णय लिया गया है। इस क्लस्टर में बायोटेक स्टार्टअप,फारमर्स ट्रेनिंग और नई बायोटेक्नाॅलाजी पर आधारित सेवाओं के विस्तार का काम भी किया जाएगा। इस क्षेत्र में पाए जाने वाले बायो रिसोसेर्स का डेटा बेस बनाने का निर्णय भी लिया गया है। विश्वविद्यालय इस काम के लिए एक कंसलटेंसी तथा सेवा कंपनी बनाने पर भी विचार करेगा।
मल्टी स्किलिंग सेंटर की होगी स्थापना-
शासी निकाय में स्किल इंडिया में अभियान को देखते हुए एक मल्टी स्किलिंग सेंटर की स्थापना का फैसला भी लिया गया है। यह सेंटर एनएसडीसी के सहयोग से तथा आईसेक्ट के मार्गदर्शन में स्थापित किया जाएगा। जिसमें माॅडन ट्रेडिंग में प्रशिक्षण तथा प्लेसमेंट प्रदान करने पर जोर दिया जाएगा। छ.ग. में काम करने वाली कार्पोरेट कंपनियों का सहयोग लेने का प्रस्ताव भी बैठक में स्वीकृत किया गया हैै।
स्किल और रोजगार को जोड़ने बड़ा कदम-कुलसचिव
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि सही मायने में मल्टी स्किलिंग सेंटर स्थापना विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने की बड़ी पहल है। इसका युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा और वे रोजगार पाने के योग्य बनेंगे। स्पोर्टस एकेडमी की स्थापना से ग्रामीण और आदिवासी अंचल के युवाओं की प्रतिभा निखरकर सामने आएगी। उन्हे नया प्लेटफार्म मिलेगा। हमारे लिए हर्ष की बात है कि हमें यह अवसर मिल रहा है कि विद्यार्थियों को ऐसा प्लेटफार्म देंगे।
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बढ़ेगा आत्म विश्वास-डाॅ.दुबे
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेने दूसरे विश्वविद्यालय जाते हैं। स्पोर्टस एकेडमी की स्थपना से विद्यार्थियों को हम बेहतर तरीके से मजबूर करने प्रतियोगितओं में भेजेगे। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और पूरी दक्षता से प्रतियोगिताओं मे भाग लेकर विजयी होगें।