बिलासपुर– भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक के निवास में आज से श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। कथा सागर में गोते लगाने से पहले सभी श्रद्धालु कलश यात्रा में शामिल हुए। कथा व्यास संत अतुल भारद्वाज ने सुकदेव और परीक्षित संवाद जीवंत प्रस्तुती कर पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इस दौरान प्रदेश गणमान्य लोग पंडाल में उपस्थित होकर कथा वाचन का आनंद उठाया।
कलश यात्रा के बाद कथा व्यास संत अतुल कृण महराज ने सुकदेव और परीक्षित संवाद के साथ श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ किया। कथा वाचन के पहले मेजमान प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष धरमलाल कौशिक अपनी पत्नी के साथ संत अतुल कृष्ण का गुलाब की माला पहनाकर अभिनंदन किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के चेयरमैन भूपेन्द्र सवन्नी ने भी अतुलकृष्ण का सम्मान कर वंदन किया। इस मौके पर उपस्थित कई गणमान्य लोगों ने कथा संत अतुलकृष्ण का आशीर्वाद लिया।
कथा की गंगा इसके पहले फूटे गृहनिर्माण मंडल के चैयरमैन भूपेन्द्र सवन्नी ने लोगों से बताया कि पंडित अतुल कृष्ण का जन्म गाजियाबाद में हुआ। आध्यात्मिक रूझान ने उन्हें मथुरा का वासी बना दिया। उन्होने अपना कथा वाचन से देश विदेश में चार सौ अधिक बार श्रीमद भागवत कथा को मंच से लोगों तक पहुंचाया है। सवन्नी ने बताया कि अतुल कृष्ण की जिव्हा में भगवान कृष्ण का वास है।
कथा ज्ञान गंगा के पहले दिन उपस्थित लोगों को अतुल कृष्ण ने बताया कि मोक्ष और ईश्वर प्राप्ति के साधन में से एक रास्ता कथा का श्रवण करना भी है। राजा परीक्षित सुकदेव से भगवान कृष्ण की लीला का श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाया। उसी तरह आज लोग इस भागती जिन्दगी में भगवान की लीला का आनंद सबसे सहज रूप में सुनकर प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान सुकदेव ने भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी सभी लीलाओं की जानकारी कथा के ही माध्यम से राजा परीक्षित को दी।
इस मौके पर पंडित अतुल कृष्ण महराज ने बताया कि सुकदेव की कथा से राजा परीक्षित को उतना ही पुण्य मिला जितना संत समाज तपस्या और विधि विधान का अनुशरण कर पाते हैं। इसलिए जीवन में कथा का अपना अलग ही महत्व है।