बिलासपुर—बिलासपुर की विशेष अदालत मे आज झीरमघाटी मे कांग्रेस के नेताओ पर हुए हमले की सुनवाई हुई । तत्कालीन बस्तर एस पी मयंक श्रीवास्तव का प्रतिपरीक्षण हुआ। मयंक श्रीवास्तव सवाल का जवाब ठीक से नही दे पा रहे थे । बस्तर मे थानो की संख्या से लेकर पुलिस लाईन मे जवानो की संख्या को लेकर जबाव स्पष्ट नही था कुछ बिन्दुओ पर वह अपने अनुभव के आधार पर सवालों का जवाब देते रहे । तात्कालीन एसपी ने माना की घटना के दौरान दरभा थाने मे तैनात एस आई और ए एस आई छुट्टी पर थेय़ थाना प्रभारी के स्थान पर दूसरे थाना प्रभारी की नियुक्ति की गई थी । जिसका कारण थाना प्रभारी का भी छुट्टी पर होना था । वही एस आई और ए एस आई की जगह दूसरे एस आई और ए एस आई को तैनात नही किया गया ।
बहस के दौरान एस पी ने माना की दरभा थाने का क्षेत्र संवेदनसील थानो में नही आता। राज्य की खुफिया एजेन्सी ने 10 मार्च से 10 जून तक दरभा थाने मे नक्सली हमला होने की जानकारी दी थी। एस पी मंयक श्रीवास्तव ने प्रतिपरीक्षण के दौरान माना की इसकी सूचना मिली थी। इसके बाद भी थाने की सूरक्षा को लेकर कोई तैयारी नही थी। जो समझ से परे है । झीरमकांड मे चल रही सुनवाई मे स्व नंद कुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल भी मौजूद रहे । जिन्होने न्यायलय मे विश्वास रखते हुए कहा की सुनवाई के बाद जो भी फैसला आयेगा उससे प्रभावित लोगो को जरूर इंसाफ मिलेगा ।