बिलासपुर । कोई अगर अपना इरादा पक्का कर ले तो कोई काम ऐसा नहीं है जो मुमकिन न हो। समाज में समय – समय पर लोग इस जुमले को साकार करने के लिए सामने आते हैं और यह समाज उन्हे सलाम करता है….। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है , छत्तीसगढ़ के एक उन्नीस वर्षीय छात्र सुलेन्द्र कमार कुर्रे ने….। जो बलौदाबाजार जिला अंतर्गत पलारी ब्लॉक के बनगबौद गाँव का रहने वाला है।दुर्भाग्य से इस बालक के हाथ ऐसे नहीं हैं कि उससे काम लिया जा सके । लेकिन कुदरत और किस्मत के इस फैसले के सामने सुलेन्द्र कुमार लाचार नहीं है और उसने इस हालात का मुकाबला करने के लिए अपने पैरों को ही अपने हाथ बना लिए हैं। बलीराम कुर्रे और बिसवन्तिन की इस संतान के हौसले ने हालात को भी मात दे दी है और वह पढ़ाई मे किसी ऐसे चात्र से पीछे नहीं रहना चाहता जिसके हाथ सलामत हैं।
इस छात्र ने सीवी रमन विश्वविद्यालय की ओर से संचालित डीसीए कोर्स में दाखिला लिया। पढ़ाई की और इम्तहान में शामिल हुआ। परीक्षा हॉल में वह अन्य बच्चों के लिए एक मिसाल ही था , जब उसने हाथों की बजाय अपने पैरों से लिखना शुरू किया। अन्य परीक्षार्थियों के साथ बैठकर सुलेन्द्र ने पैर की अंगुलियों के सहारे पेन पकड़कर अपना पर्चा पूरा किया।
सीवी रमन विशवविद्यालय के कुलसचिव शैलेन्द्र पाण्डेय ने सुलेन्द्र कुमार को शुभकामनाए दी हैं और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।