सुस्त पड़ी बीजेपी में नई “दिशा”…यहाँ सांसद ने संभाला मोर्चा

Chief Editor
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रुद्र अवस्थी।प्रशासन के कामकाज में दिशा निर्देश को लेकर बिलासपुर के बीजेपी सांसद अरुण साव ने एक पहल की है । जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति “दिशा” की बैठक लेकर उन्होंने तमाम सरकारी विभागों में चल रही केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा की और सभी विभागों से तफ़सील में इसका ब्यौरा लिया। साथ ही जरूरी दिशा निर्देश दिए । हालांकि उनकी इस मीटिंग में भी कोरोना काल की झलक दिखाई दी । लेकिन “दिशा” के जरिए उन्होंने जिले में सुप्तप्राय बीजेपी को जो दिशा दी है उससे सियासी हलकों में एक नई हलचल ज़रूर शुरू हो गई है । गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद भले ही बिलासपुर जिले से बीजेपी के तीन विधायक चुनकर आए । लेकिन प्रशासनिक स्तर पर बीजेपी की दखल जाहिर तौर पर कम हो गई थी । जिसकी भरपाई के लिहाज से बिलासपुर के भाजपा सांसद अरुण साव की यह पहल अहम मानी जा रही है । पिछले करीब डेढ़ साल से अधिक वक्त से सरकारी कामकाज में बीजेपी का रोल कम हुआ था । जिसे फिर से पटरी पर लाने के लिए भाजपा सांसद ने यह कदम उठाया है । उनकी इस पहल का केंद्र सरकार की योजनाओं पर कितना असर होगा, यह तो आने वाले समय में ही पता लग सकेगा । लेकिन फिलहाल दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस सरकार के तमाम दिग्गजों के बीच अरुण साव ने एक बार फिर अपना परचम उठाया है । जिससे सरकारी कामकाज में पार्टी की दखल भी नजर आ सकती है और पार्टी के लोगों में नया जोश भी भर सकता है।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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आर.बी. हॉस्पीटल को लाइसेंस निरस्त करने की नोटिस क्यों ….?

यह हफ्ता गुजरते हुए बिलासपुर में एक बड़ी खबर आई जब जिला प्रशासन ने शहर के बड़े अस्पताल आर बी हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त करने नोटिस जारी कर दिया । इस नोटिस में कहा गया है कि अस्पताल में कोविड-19 के इलाज को लेकर प्रशासन के निर्देशों को मानने से इनकार किया । जिससे उनका लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है । नोटिस में नियमों का हवाला भी दिया गया है । जो खबरें सामने आ रही है ,उसके मुताबिक बिलासपुर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं । मरीजों की लगातार बढ़ती हुई गिनती को देखते हुए जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों के संचालकों की बैठक ली थी । जिसमें प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना का इलाज किए जाने के निर्देश दिए गए थे। जिला प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया था कि इलाज के बाद में खर्च की राशि का भुगतान भी अस्पतालों को किया जाएगा। इसके बाद कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए कई असप्तालों ने दरवाजे खोल दिए । लेकिन खबर आई है कि आरबी हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने कोरोना के इलीज़ से इंकार कर दिया । जिसके बाद लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई है । जाहिर सी बात है कि कोरोना इस समय सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है । जिसका मुकाबला करने के लिए सभी को साथ आना होगा । लेकिन यदि आपसी तालमेल में कहीं कमी नजर आई तो प्रशासन को सख्त रवैया भी अपनाना पड़ सकता है । इसकी झलक इस कार्यवाही में मिल रही है।

बढ़ाए जाएँगे अस्पतालों में वेंटिलेटर और बेड

कोरोना का सरकारी कामकाज़ पर भी विपरीत असर पड़ा है । इससे मंत्री नेताओं के दौरे भी प्रभावित हुए हैं और अधिकारियों के साथ उनकी मीटिंग भी नहीं हो पा रही है । लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंत्री अपने अफसरों से रूबरू हो रहे हैं । हाल ही में जिले के प्रभारी और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने वी.सी. के जरिए जिले की अफसरों की मीटिंग ली । उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अस्पतालों में बेड और वेंटीलेटर की तादाद बढ़ाने को कहा है । स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को उन्होंने खासकर हिदायत दी कि अस्पतालों में मरीजों के लिए दवाइयों के लावे भोजन -नाश्ता की अच्छी व्यवस्था की जाए ।उन्होंने जिले के अस्पतालों में मौजूदा वेंटीलेटर और बेड की तादाद के बारे में तफ्सील से जानकारी ली और अफसरों को कोविड-19 अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने को कहा। यह बात देखने में आ रही है कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही लापरवाही की शिकायतें भी मिलने लगी है । जिसे देखते हुए सरकारी तंत्र पर निगरानी और जवाबदेही तय करना भी जरूरी है । इस लिहाज से प्रभारी मंत्री का दिशा निर्देश बेहतर कहा जा सकता है । लेकिन तंत्र पर इसका कितना असर होगा यह देखने के लिए आने वाले वक्त का इंतजार करना ही बेहतर है ।

साइबर मितान मुहिम

समय के साथ बढ़ रहे साइबर अपराध को रोकने के लिए बिलासपुर जिला पुलिस ने साइबर मितान अभियान शुरू किया है। जिसके तहत पुलिस के साइबर रक्षक घर- घर पहुंच कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं । ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है । पुलिस के आला अफसर भी इस मामले में दिलचस्पी ले रहे हैं । हाल के दिनों में साइबर अपराध के मामले बढ़े हैं । कई घटनाएं सामने आई हैं ,जिसमें झांसा देकर लोगों के खाते से रुपए निकाल लिए गए । पुलिस ने कुछ मामलों का पता भी लगाया है । लेकिन यह बात विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है । लिहाजा साइबर मितान मुहिम को हर स्तर पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है । इसी कड़ी में बिलासपुर के डीपी विप्र कॉलेज की ओर से एक वेबीनार का भी आयोजन किया गया । कॉलेज के एनसीसी विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस के अधिकारियों ने भी शिरकत की और प्रशासनिक समिति के लोगों ने भी हिस्सा लिया । इसके जरिए कॉलेज के छात्र छात्राओं को साइबर अपराध की रोकथाम के लिए जरूरी जानकारी दी गई ।

ट्रेन शुरू करने का फ़ैसला – राहत की ख़बर

कोरोना काल में आवागमन की सुविधाएं करीब ठप हो गई है । पिछले करीब चार-पांच महीने से सभी ट्रेनें और बसें बंद हैं । जिससे लोगों का आना-जाना थम सा गया है जरूरत पड़ने पर लोग निजी साधनों का उपयोग कर रहे हैं । लेकिन यातायात के सार्वजनिक साधनों पर पाबंदी होने की वजह से आने जाने में बड़ी दिक्कतें हो रही हैं । इस हफ्ते लोगों के लिए राहत भरी खबर आई जब रेलवे ने दुर्ग –अंबिकापुर, रायपुर -कोरबा स्पेशल एक्सप्रेस और रायपुर- के टी डेमू स्पेशल ट्रेन शुरू करने का फैसला किया। ट्रेन शुरू होने के बाद रेलवे की ओर से रेलवे स्टेशन और ट्रेनों के भीतर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरी एहतियाती उपाय भी किए गए हैं । हालांकि इस सिलसिले में यह बात भी सामने आई है कि जिस तरह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए ट्रेनों में आवाजाही के दौरान सावधानी बरतना बहुत जरूरी है और गाइडलाइन का सख्ती से पालन भी होना चाहिए । रेलवे तो इस पर अपनी नजर बनाए हुए हैं । लेकिन ट्रेन में सफर करने वाले लोगों पर ही पूरा दारोमदार है कि वे हिदायतों का कितना पालन करेंगे । इस पर ही इस बात का फैसला हो सकेगा की ट्रेन शुरू करने और हालात सामान्य करने की दिशा में किए जा रहे प्रयास कितने कारगर और सफल हैं ।

सीवरेज़ प्रोजेक्ट पर फ़िर सियासत

अक्सर देखा जाता है कि विपक्षी दल सरकार में बैठे लोगों को घेरने के लिए उनके कामकाज में खामियां निकालते हैं । लेकिन बिलासपुर में यह मामला उल्टा हो गया । सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष को घेरने की कोशिश हुई । जिसके लिए शहर में सबसे चर्चित सीवरेज प्रोजेक्ट बहाना बना। बिलासपुर के कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे ने विधानसभा में सीवरेज का मामला उठाया और भाजपा शासन काल के मंत्री नगरीय प्रशासन मंत्री रहे अमर अग्रवाल को घेरने की कोशिश की । लेकिन इस पर दांव मारते हुए अमर अग्रवाल ने आरोप लगा दिया कि बिलासपुर के जनप्रतिनिधि को सीवरेज प्रोजेक्ट की सही जानकारी ही नहीं है । उनकी ओर से इस परियोजना को लेकर मुद्दा जिस तरह से उठाया गया ,उनसे कहीं ना कहीं बहुत बड़ी चूक हो गई है। अपने फेसबुक लाइव कार्यक्रम में अमर अग्रवाल यहां तक कह गए कि जनप्रतिनिधि छप़ास रोग से पीड़ित हैं और उन्हें जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है । सीवरेज प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व और मौजूदा जनप्रतिनिधियों के बीच इस वाक्य के पीछे का सच जो भी हो । लेकिन यह शहर जिस तरह इस प्रोजेक्ट की तकलीफों को भोगता रहा है, उससे लगता है कि जो सच इस शहर के आम लोगों को मालूम है, उससे कोई भी वाकिफ नहीं है और किसी को उनसे सरोकार भी नहीं है । जिसके चलते सीवरेज प्रोजेक्ट अब भी सियासत के मैदान का ही मुद्दा बना हुआ है।

जब बदल गई लाश

कोरोना काल में कई दिक्कतें सामने आ रही हैं और लोगों के सामने अजीबोगरीब हालात भी बन रहे हैं । ऐसा ही एक वाक़्या इस हफ्ते बिलासपुर में सामने आया । जब कोरोना से मृत व्यक्तियों की लाश ही बदल गई । एक परिवार ने अपने परिजन का शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया। इससे दो परिवारों के बीच संशय और भ्रम की स्थिति बनी रही । कोरोना काल वास्तविक में अनिश्चितताओँ का काल है । कोरोना मरीज की मृत्यु के बाद शव को संक्रमण की रोकथाम के लिहाज से पूरी तरह से पैक़ कर दिया जाता है । जिससे बाहर से उसकी पहचान नहीं हो सकती । इसी वजह से या चूक हुई और अंतिम संस्कार को लेकर भ्रम का वातावरण बना । उम्मीद की जानी चाहिए कि इस घटना के बाद सिम्स प्रबंधन सबक लेगा और आने वाले समय में इस तरह की स्थिति सामने नहीं आएगी।

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