रायपुर । स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने विधानसभा में बुधवार को मरवाही विधायक अमित जोगी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में बताया कि “अस्पताल अभिलेख” अनुसार गरियाबंद जिले के देवभोग विकासखंड में स्थित सूपेबेडा गॉँव में किडनी रोग से वर्ष २००९ – २०१७ के दौरान एक भी मौत नहीं हुई है। मंत्री द्वारा दिए गए जवाब पर अमित जोगी ने आपत्ति उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधानसभा नियमावली २३४ – डी डी के तहत इसे प्रश्न एवं सन्दर्भ समीति में भेजने का अनुरोध किया।
विधानसभा अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में जोगी ने कहा कि शब्दों का हेरफेर करके मंत्री द्वारा गलत जवाब दिया जा रहा है। जोगी ने लिखा है कि यह सर्वविदित तथ्य है कि वर्ष २००९ से लगातार सूपेबेडा में किडनी रोग से हो रही मौतों का सिलसिला चल रहा है। शासन की ओर से जून माह में वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ पुनीत गुप्ता के नेतृत्व में चिकित्सीय दल सूपेबेडा भेजा गया था। कुछ निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी सूपेबेडा गए थे। डॉक्टरों की जांच उपरांत सूपेबेडा में २०० से ज्यादा लोगों को किडनी रोग से ग्रसित पाया गया था। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं सूपेबेडा जाकर हालात का जायज़ा लिया था और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भेंट करके सूपेबेडा में किडनी की बीमारी की रोकथाम के लिए केंद्र द्वारा शोध किये जाने का आग्रह किया गया था। इन सब बातों से स्पष्ट है कि मंत्री द्वारा शब्दों का हेरफेर करके प्रश्न का गलत उत्तर दिया है। प्रश्न पूछने के पीछे आशय किडनी रोग से हुई मौतों से था न कि अस्पताल अभिलेख से।