सोनाखान लीज पर सरकार के कदम का स्वागत … प्रभावितों ने अपनी जीत पर CM भूपेश बघेल को पहनाया ताज

Shri Mi
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बालको-
वेदांता को दी गई सोनाखान के जंगलों की स्वर्ण उत्खनन लीज की समीक्षा किये जाने की छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए आज सोना खान के प्रभावितों के 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने राजिम केतवास के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मंत्रालय भवन में मुलाकात की और उनका हृदय से आभार व्यक्त किया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र के मूल रहवासियों द्वारा हाथ से निर्मित अपना तीर कमान, पारंपरिक टोपी एवं वीर नारायण सिंह की प्रतिकिर्ति भी भेंट किया।  मुख्यमंत्री ने भी प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया उनके साथ न्याय होगा।

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ज्ञात रहे भाजपा शासन ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में मात्र 27 टन सोना उत्खनन के लिए शहीद वीर नारायण सिंह धरती सोनाखान (बाघमाड़ा ) क्षेत्र के 650 हेक्टेयर भूमि को लीज पर दे दिया था। केवल बाल्को-वेदांता कार्पोरेट घराने के हितों के संवर्धन के लिए सरकार ने इस क्षेत्र के वनो से अच्छादित क्षेत्र, घने जंगल, बार-नवापारा अभ्यारण्य, उसमें रहने वाले पेड़ पौधे, पशु, पक्षी, मानव जन-जीवन, आदिवासी उनकी आजीविका, उनका वजूद सब के साथ समझौता कर लिया था। जन-विरोधी, पर्यवारण विरोधी एवं राज्य हित विरोधी निर्णय के खिलाफ वहां के आदिवासी, ग्रामीण लामबंद हुए। 24 मार्च 2014 से ही बाघमाड़ा,अचानकपुर एवं अन्य गांवों के सरपंच व ग्रामीण लामबंद हुए और दमन एवं अत्याचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। तात्कालीन सरकार द्वारा ग्रामीणों के धरना-प्रदर्शन, 100 से अधिक किलो मिटर तक का पैदल मार्च आदि को दबाने एवं खत्म करने के कई कुत्सित प्रयास किए।

प्रशासनिक आतंकवाद एवं तमाम तरह के हथकंडों का सहारा लिया, लेकिन आंदोलनकारी ग्रामीण टूटे नहीं। वर्ष 2016 में राहुल गांधी के गिरोधपुरी धाम यात्रा से लौटते वक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का साथ इन लोगों को मिला। भूपेश बघेल  ने उस समय मंच पर से घोषणा की-  उनकी सरकार आते के साथ ही बाल्को को गैरकानूनी तरीके से दिए गए लीज को निरस्त करेगी, आदिवासियों को उनेक अधिकार दिए जाएगें। अब जाकर पांच वर्षों के लंबें संघर्ष के बाद वहां के लोगों की लड़ाई अब अपने अंतिम पड़ाव को पहुंचने को है।

उनके इस लंबें संघर्ष को इस परिणीति तक पहुंचाने में माननीय मुख्यमंत्री का बहुत बड़ा योगदान रहा। इसको ध्यान में रखते हुए सोनाखान प्रभावित प्रतिनिधि मंडल ने आज उनसे मुलाकात की और अपना आभार व्यक्त किया। इस दौरान उनके साथ प्रतिनिधि मंडल में राजिम केतवास (पिथौरा), देवेंद्र बघेल (पिथौरा), अवधेश मलिक (पत्रकार), पुनिराम यादव (चनहाट), राजेन्द्र दीवान (सोनाखान), अमृत कैवर्त(सरसडोल), अरुण ठाकुर (पठियापाली), कमल बारीक (पठियापाली), अमर यादव (डेबी), मनीराम चौहान (कुकरिकोना), फन्दू यादव(कुकरिकोना), नारायण(महाराजी), चन्दर सिंग (बाघमाड़ा), धर्मसिंह(बाघमाड़ा), राजकुमार कोंध (रामपुर) शामिल रहे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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