स्कूलों में व्यावसायिक कोर्स बंद होने की कगार पर, प्रवेश लेने भटक रहे विद्यार्थी इस तरह के सुधार कर चलाया जा सकता है कोर्स

Shri Mi
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ प्रदेश व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष राजेश कुमार पाठक ने पुराने व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम को बंद किये जाने पर इसे गैरवाजिब बताया है।संघ की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि भारत को 21वीं सदी में पहुंचाने का स्वप्न संजोने वाले भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 23 मार्च 1985 को लखनऊ विश्वविद्यालय में दिए गए दीक्षांत भाषण में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बहुत सी खामियां है।वे चाहते थे कि इस खामी वाली शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन किया जाए। विद्यार्थियों को न सिर्फ ज्ञानवान बनाया जाए बल्कि उन्हें हुनर बाज भी बनाएं।इसी शिक्षा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने शिक्षा आयोग गठित किया। जो नई शिक्षा नीति 1986 के रूप में सामने आया।इस कोठारी कमीशन की मान्यता यह थी कि कक्षा दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों में से 50% को विभिन्न व्यवसायों की शिक्षा दी जाए।जिससे वे लाभदायक रोजगार प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों की भीड़ कम की जा सके।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

             
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इसी नई शिक्षा नीति 1986 के कारण पुरानी व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम योजना केंद्र सरकार की सहायता से कई राज्यों में शिक्षा सत्र 1989-90 से लागू की गई थी. जिसमें पूर्ववर्ती राज्य मध्य प्रदेश भी शामिल था। अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य के सभी संभागों के 369 चुने गए 10+2 स्तर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रत्येक विद्यालय में तीन या चार चुने हुए पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रारंभ किया गया थ। छत्तीसगढ़ में व्यवसायिक शिक्षा संचालित विद्यालयों की संख्या 106 है। प्रदेश के विद्यालयों में 20 विभिन्न व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है।

यह पाठ्यक्रम हॉर्टिकल्चर,गारमेंटमेकिंग, फ्रूट एवं वेजिटेबल प्रिजर्वेशन बेकरी एंड कन्फेक्शनरी, स्टेनो टाइपिंग,स्टोर कीपिंग, बैंकिंग एसेसमेंट ,ऑफिस मैनेजमेंट, एकाउंटेंसी, कोऑपरेटिव मैनेजमेंट, कंप्यूटर एप्लीकेशन,घरेलू विद्युत उपकरण सुधार, स्कूटर मोपेड और मोटरसाइकिल सुधार, रेडियो, टीवी एंड वीसीआर सुधार,डेयरी फार्मिंग।

पुरानी व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम सामान्य शिक्षा के कला,विज्ञान वाणिज्य,संकाय की तरह एक संकाय है।जिसे आईटीआई के समक्ष शासन द्वारा मान्यता प्रदान किया गया है।इस पाठ्यक्रम के प्रति शासन की उदासीनता की वजह से विद्यार्थियों की विद्यालय में प्रवेश संख्या में गिरावट आने की वजह से इस शिक्षा सत्र 2019 कक्षा 11 वीं के विद्यार्थियों को सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

जिसके फलस्वरूप इन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी प्रवेश लेने के लिए भटक रहे हैं।जबकि इन पाठ्यक्रमों से उत्तीर्ण विद्यार्थी स्वरोजगार शासकीय नौकरी और निजी संस्थाओं में कार्यरत मिल जाएंगे।कोई भी विद्यार्थी शिक्षित बेरोजगार बनकर घूमता हुआ नजर नहीं आएगा।

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स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में नई व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम जो एनजीओ के माध्यम से कक्षा नौवीं से बारहवीं तक चलाई जा रही है।उसे सामान्य शिक्षा के साथ एक विषय व्यवसायिक पाठ्यक्रम का चयन कर विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।स्कूल शिक्षा विभाग का ध्यान किसी नई व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम को बढ़ाने में है।जबकि 29 सालों से संचालित व्यवसायिक शिक्षा को बंद किया जा रहा है।

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जो आगामी शिक्षा सत्र 2020-21 से पूर्णता बंद हो जाने की संभावना है.इस प्रकार छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में राजीव गांधी की व्यवसायिक शिक्षा योजना बंद होने की कगार में है।शासन को चाहिए कि पुरानी व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम जो प्रदेश में 29 सालों से संचालित है। उसे बनाकर रोजगार उन्मुख बनाने के लिए और प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक व्यवसायिक शिक्षा खंड की स्थापना हो और प्राचार्य को विद्यालय में प्रत्येक ट्रेड में न्यूनतम 15-20 विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर प्रवेश देने का निर्देश दिशा निर्देश देकर इस योजना को बंद होने से बचाया जा सकता है. जिससे इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के हितों की रक्षा हो सके इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय से भी सार्थक पहल की आवश्यकता है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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