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राजनांदगांव। जिला कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने सभी अधिकारियों को शाला में औचक निरीक्षण करने का आदेश दिया है तथा इसके साथ-साथ स्कूलों में पदस्थ कर्मचारियों के ऊपर समाज का सकारात्मक दबाव हो व सामुदायिक सहभागिता से स्कूलों में व्यवस्था सुधार हेतु ग्राम के 240-250 जागरूक व्यक्ति चिह्नित कर व लिखित आदेश सौपकर प्रतिदिन 10 बजे सुबह व 4 बजे शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश व संस्था प्रमुख से वेरिफिकेशन कराकर प्रतिदिन व्हाट्सएप करने का निकाला गया है जो पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में ही नही पूरे भारत वर्ष में अनोखा प्रयोग है। जिसके बाद जिले के सभी कार्यालयों में हड़कंप सा मच गया। सभी अधिकारी और कर्मचारी सीधे स्कूल पहुंचते दिखाई दिए। बता दें कि राजनांदगांव कलेक्टर ने अपना कार्यभार संभालने के बाद से जिले के शिक्षा विभाग में शाला ग्राम में कर्मचारियों के निवास करने संबंधी आदेश निकला गया था।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
जिसके विरोध होने पर पुनः राजपत्रित अधिकारी से लेकर समस्त कर्मचारियों का सरपंच ग्राम पंचायत के माध्यम से वेतन पत्रक में हस्ताक्षर से ही वेतन आहरण करने सम्बधी आदेश निकाला गया जिसका समस्त कर्मचारियों में रोष देखा गया।
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बता दे कि छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग में समस्त कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने व मोनिटरिंग करने हेतु राज्य शासन ने करोड़ो रुयये की लागत से सभी स्कूलों के लिए टेबलेट की व्यवस्था की है जो विगत वर्ष से कार्य कर रहे हैं यदि ऐसा ही आदेश व निर्देश जिले कलेक्टर के द्वारा किया जा रहा है तो कर्मचारी सतर्क होकर कार्य करेंगे ही साथ मे विरोधियों तत्वों को बल भी मिलेगा जिससे अनावश्यक रूप कर्मचारी परेशान होंगे।
पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हम सब प्रदेश कि जनता के लिए सेवा प्रदाता के रूप में बैठे हुए हैं। यहां जनता अपने जरुरी काम के लिए चक्कर लगाती है। ऐसे में हमारा ये कर्तव्य बनता है कि हम जनता के काम को रोकें नहीं, बल्कि उनकी समस्याओं का निदान कर अपनी जिम्मेदारी का पालन करें।