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बिलासपुर।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरकंडा में आज अलग ही नजारा था। मौका था शाला प्रवेश उत्सव का। स्कूल में बच्चों के स्वागत का कार्यक्रम चल ही रहा था कि बच्चों स्वागत करने कलेक्टर पी दयानंद अचानक ही स्कूल पहुंच गये।कलेक्टर ने बच्चों का तिलक लगाकर और मुंह मीठा कराकर स्कूल में स्वागत किया। कलेक्टर ने सभी बच्चों को चॉकलेट खिलायी। कलेक्टर से चॉकलेट पाकर सभी बच्चे खुश हो उठे। पहली क्लास में एडमिशन लेने आये छोटे-छोटे बच्चों ने कलेक्टर से दोबारा चॉकलेट मांगी तो बच्चों की मासूमियत पर कलेक्टर ने स्नेहपूर्वक बच्चों को और चॉकलेट दीं और उनके बीच बैठकर बातें भी की। कलेक्टर ने इस अवसर पर सभी बच्चों को यूनिफॉर्म और किताबें भी भेंट की। इस दौरान कलेक्टर ने परंपरा को निभाते हुये मिट्टी में बीज का रोपण किया। जिससे वृक्षारोपण किया जाएगा। इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि आप सभी बच्चों का स्कूल में स्वागत है। हर बच्चे के हाथ में किताब हो ये हमारा उद्देश्य है।
अब सरकारी स्कूलों में सभी सुविधाएं मौजूद हैं। बच्चों के बैठने, पढ़ने, खेलने, खाने और पेयजल की सभी सुविधाएं लगभग सभी स्कूलों में हैं। ऐसे में बच्चों को स्कूल तक लाना हम सभी का कर्तव्य है। प्रत्येक नागरिक को बच्चों और उनके अभिभावकों को स्कूल आने के प्रति प्रेरित करना है। जिन बच्चों का किसी कारणवश स्कूल में मन नहीं लगता है, उन्हें भी पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करना हम सभी का दायित्व है।
कलेक्टर ने कहा कि पढ़ेगा छत्तीसगढ़ तो बढ़ेगा छत्तीसगढ़। हम सबको छत्तीसगढ़ को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिये इन नौनिहालों का स्कूल में दाखिला कराना ही होगा। बिना शिक्षा के कहीं भी समृद्धि नहीं आ सकती है। कलेक्टर ने सभी बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी डॉ अजय कौशिक, विद्यालय के प्राचार्य अनिल तिवारी, बीईओ एमएल पटेल समेत सभी शिक्षक उपस्थित रहे।