स्टेशन में बोल बम की गूंजः 108 कांवड़ियों का जत्था देवघर रवाना…भोलेनाथ का करेंगे गंगा जलाभिषेक

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170714-WA0043 IMG-20170714-WA0042बिलासपुर— बाबा बैजनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने बिलासपुर से 108 सदस्यों वाली कावडियों की टीम देवघर रवाना हुई। ऐसी मान्यता है कि सावन महीने में बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने वालों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भक्त 120 किलोमीटर दूर सुल्तानगंज से मां गंगा के आशीर्वाद लेकर कावर से जल लाते है। उसी पवित्र जल से बाबा भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं।

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                  देवघर रवाना होने से पहले 108 कावडियों के जत्थे में शामिल मनीष अग्रवाल, महेश चन्द्रिकापुरे, प्रवीण दुबे ने बताया कि शिवभक्तों को सावन का बेसब्री से इंतजार रहता है। वैसे तो साल के सारे दिन पवित्र हैं। लेकिन सावन में बाबा का दर्शन और गंगा जल से अभिषेक का दिव्य आनंद मिलता है। मनीष, महेश और प्रवीण दुबे ने बताया कि बाबा भोलेनाथ जगत के नियंता है। उनके आशीर्वाद से ही श्रद्धालुओं को जल अभिषेक का आशीर्वाद शक्ति मिलती है। देश दुनिया के कोने कोने से लोग बाबा को मनाने और दर्शन करने देवघर पहुंचते हैं।

                    कावडियों ने बताया कि देवघर से करीब 120 किलोमीटर दूर बिहार राज्य में गंगा मां की पवित्र प्रवाह है। माता गंगा के आशीर्वाद से कावड़िये जल लेकर बोल बम कहते खुशी खुशी 120 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। यात्रा बाबा भोले की कृपा से होती है। सुल्तानगंज से 120 किलोंमीटर नंगे पैर पदयात्रा के दौरान बाबा के भक्त कांधे पर कावड़ लिए सुईया और अभ्रीनिया जैसे दुर्गम पहाड़ को पार करते हैं। घने जंगलों को बैखौफ पार कर कांवडिये देवघर पहुंचते हैं। मांं गंगा के जल से भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं।

                      राजेन्द्र भण्डारी,राजकुमार तिवारी,विकास शुक्ला,मनोज सिंह,शशि राठौर,दुर्गा सोनी,निशांत शुक्ला ने बताया कि देवघर की यात्रा वाशुकीनाथ के दर्शन बिना अधूरी है। मान्यता है कि बाबा यदि हाईकोर्ट हैं…तो बाबा बासुकीनाथ सुप्रीम कोर्ट का दर्जा रखते हैं। देवघर से करीब 60 किलोमीटर दूर बाबा वाशुकीनाथ का दरबार है। बाबा बैजनाथ के बाद बाबा वाशुकीनाथ का दर्शन विशेष फलदायी है। कावडियों ने बताया कि बैजनाथ में माता पार्वती साक्षात स्त्री रूप में विराजमान है। ऐसा चमत्कार केवल वैजनाथ धाम में ही है। बाकी किसी भी ज्योतिर्लिंग में ऐसा लीला देखने को नहीं मिलती है। बाबा के दरबार के आसपास खुले प्रांगण में 33 कोटि देवता विराजमान हैं।

                    कावरियों ने बताया कि सावन महीने में बाबा बैजनाथ को मां गंंगा जल से अभिषेक करने वालों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज तक कोई भी भक्त बाबा के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटा है।  कावडियों ने बताया कि हर बार की तरह हम लोग इस बार भी बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के सभी भाई बहनों के लिए भोलेनाथ से खुशहाली की कामना करेंगे। मुराद जरूरी पूरी होगी…क्योंकि बाबा किसी को निराश नहीं करते हैं।

               108 कावडियों के जत्थे में रमेश शुक्ला,दीपक बुधौलिया,पकंज तिवारी,रंजीत सिह राठौर,आशीष शुक्ला,सुशील प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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