स्वच्छता के लिए छत्तीसगढ़ के तीन शहरों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

Shri Mi
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national_awadrd_nikay♦अम्बिकापुर, भिलाई और राजनांदगांव को स्वच्छ शहर के रूप में मिला सम्मान
नईदिल्ली।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के अम्बिकापुर, भिलाई और राजनांदगांव को देश में दो लाख तक जनसंख्या की श्रेणी में सबसे स्वच्छ शहर का राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।सीएम ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए तीनों नगर निगम क्षेत्रों के नागरिकों, वहां के महापौर तथा पार्षदों को शुभकामनाएं दी है।डॉ. सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के इन तीनों नगर निगमों ने सराहनीय और अनुकरणीय कार्य किया है। नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री अमर अग्रवाल ने भी तीनों नगर निगमों की जनता को और वहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बधाई दी है।बता दे कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आज नई दिल्ली में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के इन तीनों नगर निगमों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।

             
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                                                           यह अवार्ड अम्बिकापुर नगर निगम को दो लाख तक जनसंख्या की श्रेणी में देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चयनित होने पर दिया गया। इसी तरह भिलाई नगर निगम को दो लाख से दस लाख तक जनसंख्या की श्रेणी में पूर्वी जोन के सबसे स्वच्छ शहर और राजनांदगांव नगर निगम को दो लाख तक जनसंख्या की श्रेणी में स्वच्छता की रैंकिंग में पूर्वी जोन के सबसे तेज गति से बढ़ते शहर के रूप में सम्मानित किया गया। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने तीनों नगर निगमों के महापौरों और आयुक्तों को उनके नगर निगमों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान कर बधाई दी। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय नेटवर्क में भी किया गया।

                                                          नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों ने भी स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में सराहनीय प्रदर्शन किया है। देश के 434 शहरों की सूची में अम्बिकापुर ने 15, भिलाई नगर निगम ने 54, दुर्ग ने 85, कोरबा ने 77, रायगढ़ ने 104, रायपुर ने 129, बिलासपुर ने 164 और जगदलपुर ने 232 की रैंकिंग हासिल की है।

                                                     प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों के स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में विगत एक साल में हुई स्वच्छता संबंधी गतिविधियों का आंकलन और मूल्यांकन किया गया। सर्वेक्षण के माध्यम से जनवरी-फरवरी 2017 में देश के एक लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले 500 शहरों का चरणबद्ध मूल्यांकन हुआ।अधिकारियों ने बताया कि मूल्यांकन के लिए कुल 30 मापदण्डों पर 2000 अंक निर्धारित किए गए थे।

                                                      इसमें मुख्य रूप से नगरीय निकायों में स्वच्छता के लिए कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की उपलब्धता, व्यावसायिक तथा रहवासी क्षेत्रों में घर-घर कचरा संग्रहण, कचरे के सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से परिवहन और निपटान, विभिन्न निर्माण गतिविधियों में निकलने वाले अपशिष्ट अर्थात मलबे का सुरक्षित और उचित प्रबंधन, खुले में शौचमुक्त शहर के लिए निजी, सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, वार्डों और शहरों को शौचमुक्त घोषित किया जाना, शहरी निकायों के अधिकारियेां और कर्मचारियेां के प्रशिक्षण, क्षमता विकास, स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जन-जागरण, सूचना और शिक्षा तथा संदेश सम्प्रेषण के लिए होर्डिंग्स, बैनर, वॉलराईटिंग आदि के जरिए नागरिकों को प्रोत्साहित करने, स्वच्छता पखवाड़े के आयोजन, स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नागरिकों को टेलीफोन, मोबाइल एप्प, सोशल मीडिया आदि के जरिए फीडबैक देने के लिए प्रोत्साहित करने जैसे कार्य शामिल थे। मूल्यांकन प्रक्रिया तीन भागों में पूर्ण की गई। प्रथम भाग में शहर के विभिन्न हिस्सों में मूल्यांकन कर्ताओं द्वारा प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 25 प्रतिशत, विभिन्न माध्यमों से नागरिकों से मिले फीडबैक के लिए 30 प्रतिशत और नगरीय निकायों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का फील्ड मिलान और प्रति परीक्षण पर 45 अंक रखे गए थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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