बिलासपुर–बच्चे स्वस्थ्य और मजबूत होंगे तभी हमारा देश हमारा देश मजबूत होगा। शिशु मृत्यु दर को लेकर सभी लोग चिन्तित हैं। हम लगातार इस पर नजर बनाए रखे हुए है। बेहतर इलाज और बेहतर प्रबंध हो सरकार लगातार प्रयास भी कर रही है। नगरीय प्रशासन, उद्योग एवं वाणिज्यक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने दो दिवसीय पीडियाट्रिक्स क्रान्फ्रेस में ये बातें कहीं। शिशु मृत्यु दर कम करने विषय पर पीडियाट्रिक्स अकादमी के इस आयोजन में देश भर के दो सौ शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।
नगरीय प्रशासन मंत्री मंत्री अग्रवाल ने कहा कि शिशु मृत्यु को कम करने के लिए ऐसे आयोजन बहुत ही जरूरी है। शिशु मृत्यु दर को लेकर सभी को चिन्ता है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के लिए बच्चों के स्वास्थ्य पर आधारित कार्यक्रमों और आयोजन की आवश्यकता है। शिशु मृत्यु दर कम करने विशेषज्ञ चिकित्सकों के विचार-विमर्श से अच्छे परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांवो में मितानिनों को प्रशिक्षित कर और ई-महतारी कार्यक्रम जैसे सेवाओं से अच्छे परिणाम आये हैं।
मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि हर गांव तक चिकित्सक नहीं पहुंच पाते। ऐसी स्थिति में मितानिनों का कार्य महत्वपूर्ण है। इस दिशा में निजी संस्थाओं को भी आगे आना होगा। उन्होंने शासन की चिरायु योजना के तहत ग्रामीण स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में जानकारी दी।
कार्यशाला में पीडियाट्रिक्स अकादमी के डा. ए.एस ठाकुर, डा. सुशील कुमार, डा.अश्वनी अग्रवाल, डा. किरन माखीजा और डा.अनुप वर्मा, डा. अमर सिंह ठाकुर, डा. सुशील कुमार, डा. श्रीकांत गिरी, डा. कान्या मुखोपाध्याय, डा. आशीष जैन, बी.आर. नंदा आदि मौजूद थे। दो दिवसीय कार्यशाला में देश भर से आये शिशु रोग विशेषज्ञों ने शिशु मृत्यु दर कम करने अपने अपने विचार रखे।
शत प्रतिशत हो संस्थागत प्रसव -संभागायुक्त
कार्यशाला के पहले चरण में में पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने किया। उन्होंने इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि शत-प्रतिशत प्रसव अस्पतालों में हो इसके लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिए ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में जन जागरूगता जरूरी है। उन्होंने बताया कि शासन ने इसके लिए 102 ई-महतारी सेवा प्रारंभ की है। जिसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं।