रायपुर।केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में प्रस्तुत किए गए अपने पहले बजट में सन् 2022 तक ‘हर घर में बिजली’ और सन् 2024 तक ‘हर नल में पानी’ का जिक्र किया गया है। उनका यह कथन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 15 जून 2019, नईदिल्ली में संपन्न हुई नीति आयोग की शासी परिषद की पांचवीं बैठक में दिए गए वक्तव्य के एक अंश से हू-ब-हू मेल खाता है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश में पेयजल की उपलब्धता की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया था- ‘‘प्रदेश के शेष 37,549 जनजाति बाहुल्य बसाहटें विरल श्रेणी की बसाहटें है, जिनमें सोलर आधारित नलजल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से पेयजल प्रदाय की योजना क्रियान्वित करनी होगी।
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इस हेतु लगभग रू. 5,63,235 लाख राशि की आवश्यकता चरणबद्ध रूप से होगी। नगरीय निकायों में कुल 2 लाख 86 हजार 225 घरों में से एक लाख 59 हजार 068 घरों में नल का कनेक्शन है। शेष एक लाख 27 हजार 157 घरों में नल का कनेक्शन दिया जाना शेष है। इस हेतु केन्द्र सरकार के शत्-प्रतिशत अनुदान अपेक्षित है।’’
भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में कहा था ‘‘जिस प्रकार शत-प्रतिशत विद्युतीकरण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास हुए हैं उसी प्रकार हर घर में पेयजल की व्यवस्था के लिए भी प्रयासों की जरूरत है।
छत्तीसगढ़ के 85 आदिवासी बहुल विकासखण्डों में सौर ऊर्जा से पानी और बिजली की व्यवस्था पर जोर दिया जा सकता है। यह नीति हमारी जैसी परिस्थिति वाले हर प्रदेश के लिए लागू होनी चाहिए। ’’ ताकि हम कह सकें –
‘‘हर घर बिजली, हर घर पानी
सुखद हो सबकी जिन्दगानी।’’