हर जिले में होगा खनिज संस्थान न्यास का गठन

Chief Editor
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रायपुर ।   प्रदेश में मुख्य खनिजों के उत्खनन से मिलने वाली रायल्टी राशि का एक निश्चित अतिरिक्त हिस्सा खनिज पट्टा धारकों द्वारा जिला खनिज न्यास संस्थानों को दिया जाएगा। इस राशि का उपयोग खनन अथवा खनन प्रक्रियाओं से प्रभावित क्षेत्रों के विकास और प्रभावित व्यक्तियों के हित में किया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को  यहां मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के तहत राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक में दी गयी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री खनन क्षेत्र कल्याण योजना के निर्धारित उददेश्यों के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य में भी हर जिले में जिला खनिज न्यास संस्थान की स्थापना की गयी है। राज्य सरकार द्वारा गौण खनिजों की रायल्टी की शत-प्रतिशत राशि पंचायतों और नगरीय निकायों को पहले से ही दी जा रही है।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि जिला खनिज संस्थान न्यास के गठन के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा-9 (ख) में प्रावधान किया गया है। यह न्यास एवं गैर लाभ अर्जित करने वाला निकाय होगा। इसके अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 बनाए गए हैं, जिसकी अधिसूचना पिछले महीने की 22 तारीख को जारी हो चुकी है। ये नियम 12 जनवरी 2015 से प्रभाव शील माने जाएंगे। इन नियमों के तहत मुख्य खनिजों के उत्खनन के लिए जिन संस्थाओं को 12 जनवरी 2015 के पहले पट्टे स्वीकृत किए गए हैं, उन्हें रायल्टी के साथ उसकी तीस प्रतिशत अतिरिक्त राशि का अंशदान जिला खनिज संस्थान न्यास में करना होगा, वहीं जिन संस्थाओं या आवेदकों को 12 जनवरी 2015 के बाद पट्टे स्वीकृत किए गए, उन्हें रायल्टी के साथ दस प्रतिशत अतिरिक्त अंशदान इसमें करना होगा। न्यास निधि में उपलब्ध राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा। यह राशि उन क्षेत्रों के निवासियों के लिए पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा, कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों की गतिविधियों, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्धों और निःशक्तजनों के कल्याण सहित स्वच्छता के लिए किया जाएगा। शेष 40 प्रतिशत राशि अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे-भौतिक अधोसंरचना, सिंचाई, बिजली और जल विभाजक विकास तथा राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्देशित अधोसंरचना विकास के कार्यों में किया जाएगा। राज्य सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष 2014-15 में कोयला, लौह अयस्क और बाक्साइट आदि मुख्य खनिजों से लगभग तीन हजार 365 करोड़ रूपए का राजस्व मिला है।
बैठक में कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति विकास मंत्री  केदार कश्यप, वन और विधि एवं विधायी कार्य मंत्री  महेश गागड़ा, मुख्य सचिव  विवेक ढांड, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव  एम.के.राउत, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव  अजय सिंह, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव  अमन कुमार सिंह, वन विभाग के प्रमुख सचिव  आर.पी.मंडल, वित्त विभाग के सचिव  अमित अग्रवाल, खनिज साधन विभाग के सचिव  सुबोध कुमार सिंह, वाणिज्यिक-कर और जनसम्पर्क विभाग के सचिव  गणेश शंकर मिश्रा, आयुक्त आदिवासी विकास एवं संचालक जनसम्पर्क  राजेश सुकुमार टोप्पो सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। खनिज साधन विभाग के सचिव  सुबोध कुमार सिंह ने जिला खनिज न्यास संस्थान के स्वरूप, न्यास से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ जिला खनिज न्यास नियम 2015 के तहत 22 जिलों में स्थित खदानों/खदान समूहों के खनन से संबंधित संक्रियाओं से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को चिन्हांकित किया गया है, जिसकी घोषणा 02 जनवरी 2016 के आदेश में की गयी है। इसमें दक्षिण बस्तर(दंतेवाड़ा) जिले में स्थित लौह अयस्क खनि पट्टों से प्रभावित जिलों में दंतेवाड़ा बस्तर (जगदलपुर) सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कोण्डागांव शामिल हैं। बालोद जिले के लौह अयस्क खनि पट्टो से प्रभावित जिलों में बालोद, राजनांदगांव, दुर्ग, धमतरी, कांकेर को शामिल किया गया है। कोरबा जिले में स्थित कोयला खनि पट्टों से प्रभावित होने वाले जिलों में कोरबा, जांजगीर-चाम्पा, बिलासपुर और जशपुर, जिला कोरिया की कोयला खदानों से प्रभावित जिलों में कोरिया और बिलासपुर, जिला रायगढ़ की कोयला खदानों की खनि पट्टों से प्रभावित जिलों में रायगढ़, जशपुर और महासमुंद तथा जिला बलौदाबाजार के अन्तर्गत चूना पत्थर के खनि पट्टों से प्रभावित जिलों में बलौदाबाजार और रायपुर शामिल किए गए हैं। जिला खनिज न्यास संस्थान की निधि में प्राप्त होने वाली राशि इन जिलों को आनुपातिक रूप से वितरित की जाएगी, जिसका उपयोग वहां विकास और हितग्राही मूलक कार्यों के लिए होगा।

 

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