हाइकोर्ट का सख्त निर्देश,वकीलों की योजना पर भी करे गौर,डिवीजन बेंच ने कहा,दो हप्ते के भीतर बैठक की जानकारी भी दे

Chief Editor
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बिलासपुर।हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि दिया है कि  बार कौंसिल शीघ्र अधिवक्ता कल्याण समिति  के साथ बैठक करे। मामले में जल्द ही रिपोर्ट भी पेश करे। शुक्रवार को उच्च न्यायालय की डिवीज़न बेंच में मुख्यनायधिपति जस्टिस पी आर मेनन और जस्टिस पी पी साहू के सामने  राजेश  केशरवानी, आनंद मोहन तिवारी की जनहित याचिका की सुनवाई हुई। याचिकर्ता ने बार कौंसिल से वकीलों को कोरोना महामारी कॉल में सहायता की मांग की है। याचिकाकर्ता की तरफ से संदीप दुबे एवं स्टेट बार कौंसिल की तरफ से सौरभ पांडेय उपस्थित हुए।

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      सुनवाई के प्रारंभ में न्यायालय ने कौंसिल से सवाल किया की  पिछले आर्डर के परिपालन में अब तक क्या किया।,कौंसिल के अधिवक्ता ने बताया की 6 जुलाई से कुछ दिनों के लिए हाई कोर्ट का बैंक बंद था। जिसके चलते सामान्य निधि में जमा फिक्स डिपाजिट को तोड़वा नहीं जा सका।इसलिए 20 प्रतिशत राशि वकीलों को जारी नहीं की जा सकी है।

     अधिवक्ता ने बताया की 300 के करीब वकीलों को सहायता दी गयी है। 79 लोगो को लेकर बार एसोसिएशन से सुझाव मांगे है।  याचिकाकार्ता के वकील संदीप दुबे ने फिर से  न्यायालय को अवगत करवाया कि स्टेट बार कौंसिल ने अभी तक अधिवक्ता कल्याण समिति की बैठक कर सहमति नहीं दी है।

      वकीलों द्वारा ख़रीदे जाने वाले टिकट का करीब 4 करोड़ जमा है। जबकि अधिवक्ता कल्याण अधिनियम 1982 की धारा 15 के अनुसार ट्रस्टी कमिटी को बार कौंसिल से मिलकर ऐसे संकट के समय वकीली की मदद के लिए नियम बनाना है। आज 20 साल से नियम नहीं बनाया गया है। बिना नियम के पैसे बाट रहे है। जबकि मध्यप्रदेश में नियम बनायीं गयी है।

        स्टेट बार को ऐसे समय में ट्रस्टी कमिटी के साथ मिलकर नियम बनाने चाहिए। 4 माह से बिना नियम के पैसे दे रहे है। बार एसोसिएशन से जरुरी नहीं पूछना समझा गया।  जहा हमारा टिकट का पैसा जमा है, वहा स्पष्ट रूप से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। 

      बता दे की अधिवक्ता कल्याण अधिनियम 1982 के तहत ट्रस्टी कमिटी का चेयरमैन विधि मंत्री एवं मेंबर सेक्रेटरी विधि सचिव होते है। बार कौंसिल के मेंबर सदस्य होते है। पिछले बैठक में बार कौंसिल ने ट्रस्टी कमिटी को पैसा जारी नहीं करने कहा था,। इसलिए अधिवक्ता कल्याण से राशि नहीं निकाल पा रही। जबकि ये कल्याण टिकट का पैसा है। वकीलों का पैसा है। बार कौंसिल का बैठक नही होने से राशि नहीं निकल पा रही है।

   आनंद मोहन ने कहा की योजना बना कर बार कौंसिल और अधिवक्ता कल्याण कमिटी को दी है।, उसे भी देखा जाये, ।सुनवाई के बाद डिवीज़न बेंच मुख्यनायधिपति जस्टिस पी आर मेनन एवं जस्टिस पी पी साहू ने आदेश दिया कि बार कौंसिल 2 हफ्ते के भीतर ट्रस्टी कमिटी के साथ बैठक कर धारा 15 अधिवक्ता कल्याण अधिनियम 1982योजना बनाये।अधिवक्ता कल्याण का पैसा जारी करवा कर जरुरत मंद वकीलों को राशि दे। साथ ही साथ याचिकर्ता की पेश की गयी  योजना को भी गौर करे। साथ ही राज्य भी जानकारी दे।

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