बिलासपुर—- हाईकोर्ट ने पीएससी परीक्षा 2019 के मॉडल अंसार में गड़बड़ी को लेकर परीक्षार्थियों ने याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पीएससी समेत अन्य को नोटिस जारी कर मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया पर रोक लगा दिया है। जस्टिस पी सेम कोशी के सिंगल बैंच मामले की सुनवाई को 29 जुलाई को करेंगे।
हाईकोर्ट ने आज पीएससी 2109 प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी पर सुनवाई करते हुए पीएससी और अन्य को नोटिस जारी किया है। जस्टिस पी सेम कोशी की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को करने को कहा है। ब
बताते चलें कि मई 2019 को ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा के दूसरे दिन 8 मई को मॉडल आंसर जारी किया गया। पीएससी ने 24 मई तक ऑनलाइन दावा- आपत्ति मांगा। परीक्षार्थियों ने मॉडल आंसर में कई प्रकार की त्रुटियों को सामने लाया। कुमार सौरव नाम के परीक्षार्थी ने कुछ प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए प्रमाण के साथ पीएससी को दस्तावेज दिया।
दावा- आपत्ति निराकरण के बाद पीएससी ने 22 जून 2019 को संशोधित मॉडल आंसर जारी किया। करीब एक सप्ताह बाद 2 जुलाई 2019 को प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिया। प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों के आधार पर 39 पदोें के लिए 427 परीक्षार्थियों को पात्र घोषित किया गया। कुमार सौरव का चयन नहीं हुआ।
कुमार गौरव ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर बताया कि प्रश्न के गलत जवाब को लेकर उसने प्रमाण के साथ दस्तावेज पीएससी को दिया था। बावजूद इसके बिना संशोधन के पीएससी ने मॉडल आंसर जारी कर दिया। यह जानते हुए भी कि दावा आपत्ती में उसने सही उत्तर भेजा था।
मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच ने प्रारंभिक स्तर पर पाया कि विधि विषय से संबंधित प्रश्न में गलती बताने के बाद भी पीएससी ने सुधार नहीं किया। उल्टे संशोधन के बगैर नतीजा भी जारी कर दिया। जस्टिस कोसी ने पीएससी और अन्य को तलब कर 29 जुलाई को जवाब पेश करने को कहा है।