हाईकोर्ट से शासन को नोटिस..कहा.. बताएं..जूनियर वकीलों के लिए क्या स्कीम..27 अप्रैल तक पेश करें जवाब

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—- सोमवार को हाईकोर्ट में लाकडाउन के बाद जूनियर वकीलों की कमजोर आर्थिक स्थिति को लेकर राजेश केशरवानी की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दुबे ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट के सामने याचिका की वस्तुस्थिति से कोर्ट को अवगत कराया। 

                    हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट में जूनियर वकीलों की आर्थिक स्थिति को लेकर सूुनवाई हुई है। याचिका कर्ता की तरफ से अधिवक्ता संदीप दुबे ने आनलाइन वीडियों कांफ्रेसिंग में बताया कि 25 मार्च से लाकडाउन है। इस दौरान कोर्ट का काम काज भी बन्द है। जिसके चलते जूनियर वकीलों और रजिस्टर्ड क्लर्क लोगों के सामने परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। जबकि मई जून में कोर्ट का ग्रीष्मकालीन अवकाश है।  ऐसी सूरत में वकीलों की हालत बद से बदतर हो जाएगी। हाईकोर्ट से निवेदन है कि छत्तीसगढ़ बार कौंसिल को नोटिस जारी कर जूनियर वकीलों के लिए उचित कदम उठाने को कहे।


                            डबलबैंच ने सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ बार काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। कोर्ट ने कहा कि बार कौंसिल संकट की घड़ी मे क्या कर रही है..उसका क्या स्कीम है जानकारी दे। सरकार की तरफ से कोर्ट में उपस्थित एडवोकेट जनरल सतीश वर्मा को कोर्ट ने नोटिस देकर जानकारी मांगी है। 

             बता दे कि कोविड 19 कोरोना  महामारी के कारण प्रधानमंत्री और राज्य सरकार के निर्देश पर देश के अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी 25 मार्च से लाक डाउन है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 25 मार्च को ही नोटिफिकेशन जारी कर प्रदेश के सभी न्यायालय उच्च न्यायालय समेत जिला न्यायालय तहसील न्यायालय राजस्व न्यायालय विभिन्न प्रकार के अभिकरण के बंद करने के आदेश दिए हैं। जिसके चलते जूनियर अधिवक्ताओं जिनकी प्रैक्टिस 7 वर्ष से कम है को परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।

            यायिका में केशरवानी की तरफ से संदीप दुबे ने बताया ऐसे समय में छत्तीसगढ़ विधिक परिषद और अधिवक्ता कल्याण अधिनियम के लिए एक समिति भी है। समिति में राज्य सरकार भी सम्मिलित है। अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा छह के तहत राज्य विधिक परिषद जरूरतमंद वकीलों, दिव्यांगों वकीलों को उचित और आर्थिक सहयोग करना चाहिए। हाईकोर्ट से निवेदन है कि  संकट की इस घड़ी में निर्धारित उपबंधो  के तहत अधिवक्ताओं की सहायता के लिए आकस्मिक निधि बनाकर योजना तैयार करने का आदेश दे।

                                          याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की डबलबैंच ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। इसी बीच राज्य शासन की तरफ से नोटिस का जवाब भी पेश किया जाए। कोर्ट ने कहा कि मामले में जितनी भी हस्तक्षेप याचिका है। उन्हें भी जो़ड़कर 27 अप्रैल को सामने रखें।

            याचिकाकर्ता के वकील संदीप दुबे ने बताया कि मुख्य याचिका के साथ अब 27 अप्रैल कोहस्तक्षेप याचिका की भी सुनवाई होगी। हस्तक्षेप याचिका एडवोकेट क्लर्क, फोटोकॉपी वाले और  हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अलग अलग लगाई है।

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