बिलासपुर— एनजीटी ने निर्माणाधीन खरसिया-धरमजयगढ़ रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट मामले को लेकर फैसला दिया है। अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कारिडोर प्रोजेक्ट निर्माण में वनों की कटाई को लेकर याचिका चुनौती दी गयी थी। एनजीटी ने मामले में कुछ निर्देशों के साथ फैसला सुनाया है।
सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि एनजीटी ने निर्णय में कहा है कि चूंकि मामला सरकारी प्रक्रिया को लेकर है । जाहिर सी बात है कि इसे आकस्मिक रूप से रद्द करना सम्भव नहीं है । एनजीटी ने अपने फैसले में बताया कि प्रोजेक्ट को लेकर वन प्राणी प्रवंधन योजना की समीक्षा जरूरी है । समीक्षा के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया जाए।
एनजीटी न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि हाथियों और अन्य वन्य प्राणियों के सुगमता से आगमन का ध्यान रखना सरकार की जिम्मेदारी है। सुदीप ने बताया कि याचिका में वन प्राणियों की सघनता और उनकी आवाजाही के मद्देनजर रेल लाइन डिजाइन पर उठाया गया था। याचिका में कहा गया है कि कोल परिवहन के नाम पर नियमों को ताक पर रखा गया है। अडानी,जिंदल जैसी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए सारी कवायद हो रही है।