हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजे गए प्राइमरी स्कूल के टीचर..शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर

Shri Mi
3 Min Read

बलौदा बाजार।बलौदा बाजार जिले के मरदा के एक ही स्कूल के 7 शिक्षकों पर पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद उस हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राथमिक शाला के चार शिक्षक पढ़ाने जा रहे हैं।  शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ाने का कार्य अनुभव ना होने का हवाला देते हुए। आदेश निरस्त करने की मांग की है।बलौदाबाजार में पास्को एक्ट मामले में गिरफ्तार और निलंबित हुए शिक्षको सात शिक्षक फिलहाल जेल में है। जिला कलेक्टर द्वारा गठित टीम मामले की जांच कर रही है। कोई भी शिक्षक संघ अब तक शिक्षको की ओर से खड़ा नही हुआ है।

जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर-शालेय  छात्राओं के साथ यौन दुर्व्यवहार मामले  के लिए जिम्मेदार शिक्षकों को भले ही जेल भेज दिया गया हो लेकिन शिक्षा विभाग की भी लापरवाही साफ नजर आती है। शिक्षा विभाग बच्चों की सुरक्षा एवं शिक्षा के लिए कितना संजीदा है। यह तो  सबको पता चल ही गया होगा, अधिकारी आदेशों को लेकर केवल गाल बजाने का काम करते हैं, इतने में भी वे सजग हो जाते तो बात कुछ और थी लेकिन मजाल है कि अधिकारी बच्चों की शिक्षा को लेकर कुछ सार्थक प्रयास करते।

मरदा मामले में 7 शिक्षकों के जेल जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई के लिए अध्यापन व्यवस्था के नाम पर 4 प्राइमरी स्कूल के टीचरों को हायर सेकंडरी शाला में पढ़ाने के लिए ड्यूटी लगाना इस बात को सिद्ध करता है, कि वास्तव में बच्चों की पढ़ाई के स्तर को लेकर जिला शिक्षा विभाग कितना सजग है…? 

आनन-फानन में 4 प्राइमरी टीचरों की हायर सेकेंडरी शालाओं व्यवस्था करके शिक्षा विभाग भले ही खुद को  संवेदनशील समझ रहा होगा, लेकिन शिक्षण व्यवस्था में नियुक्त किए गए इन शिक्षकों के द्वारा आदेश को निरस्त कर खुद को हायर सेकेंडरी शाला में पढ़ा सकने में असमर्थ बताते हुए मूल शाला में वापस भेजने हेतु आवेदन किया है। आप समझ सकते हैं कि प्राइमरी स्तर में अध्यापन कराने वाले 4 शिक्षकों के द्वारा शाला में बच्चों को क्या पढ़ाया जा रहा होगा…? 

 पास्को एक्ट में फंसे 7 शिक्षकों की जगह योग्य शिक्षकों की नियुक्तियां व्यवस्था का दायित्व जिला शिक्षा विभाग था जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा आंख में धूल झोंकने का काम किया गया और अब उन्हीं शिक्षकों के द्वारा अध्यापन नहीं कराया जा सकने में खुद को असमर्थ बताने से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की पोल खुल गई है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close