अफसरशाही की भेंट चढ़ती 1 फाइल..2 साल से पीड़िता काट रही चक्कर..नहीं मिला मुआवजा..पढ़ें क्या है मामला..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—पिछले दो साल से मस्तूरी विकासखण्ड की बकरकुदा निवासी महिला रेशमा जोशी..नाबालिग बेटी सुजाता की मौत के बाद मुआवजा के लिए दर दर भटक रही है। कभी वकील का हाथ जोड़ती है..तो कभी प्रशासन की दहलीज पर नाक रगड़ती है। लेकिन मुआवजा मिलना तो दूर..अधिकारी सीधे मुंह बात भी करने को तैयार नही है। बताते चलें कि घटना के बाद दो साल के बीच कई अधिकारी बदल गए..लेकिन पीड़ित महिला का संघर्ष आज भी खत्म नहीं हुआ है। बताते चलें कि 26 सितम्बर 2020 मस्तूरी विकासखण्ड क्षेत्र बकरकुदा निवासी 6 साल की सुजाता की तालाब में डूबने से मौत हो गयी। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम किया। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने रिपोर्ट प्रशासन को भेज दिया।  रिपोर्ट में बताया गया कि  सुजाता की मौत तालाब में डूबने से आकस्मिक हुई है। इसके बाद मृतका सुजाता की मां रेशमा जोशी मुआवजा के लिए पिछले दो साल से दर दर मंदिर से अधिक अधिकारियोंकी दहलीज पर नाक रकड़ चुकी है।
             रेशमा के वकील बृजराज सिंह ने बताया कि नाबालिग सुजाता की मौत की वजह आकस्मिक है। नियमानुसार आकस्मिक मौत पर शासन से पीड़ित परिवार को चार लाख मुआवजा मिलता है। मामले में पीड़ित परिवार ने मस्तूरी तहसील में मुआवजा के लिए आवेदन दिया। धीरे धीरे दो साल हो गए। लेकिन मुआवजा मिलना तो दूर..बल्कि फाइल एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय मे ही भटक रही है। यह जानते हुए भी कि पीड़ित परिवार की हालत ठीक नहीं है। लेकिन अफसरशाही ने परिवार को मानसिक तोड़ कर रख दिया है।
                     ब़जराज ने बताया कि पीड़ित महिला बहुत है। जानकारी मिलती है कि फाइल कभी मस्तूरी में है तो कभी कलेक्टर कार्यालय में । कभी  दस्तावेज की कमी बताकर लौटा दिया जाता है। जबकि नाबालिग की आकस्मिक मौत को लेकर सभी जरूरी सभी दस्तावेज 14 जनवरी 2021 को मस्तूरी तहसील कार्यालय में जमा किया गया है। बावजूद इसके पीड़िता को चक्कर काटने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 
             वकील ने बताया कि एक बार कलेक्टर कार्यालय से फाइल..तहसील को यह कहकर लौटाया गया कि खात्मा रिपोर्ट जमा नहीं है। जबकि पेज नम्बर 15 में खात्मा रिपोर्ट संलग्न था। लेकिन कोई बताने को तैयार नहीं है कि ऐसा क्यों किया गया। तहसीलदार कहते हैं कि मुआवजा जल्द ही मिल जाएगा। लेकिन कब..यह बताने को कोई तैयार नहीं है।
पाइल को किया गया फारवर्ड

                 मस्तूरी तहसीलदार अतुल वैष्णव ने बताया कि फाइल में सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न है। तहसील और अनुविभागीय कार्यालय से फाइल को कलेक्टर कार्यालय को फारवर्ड कर दिया गया है। जल्द ही दो तीन दिनों पीडिता को मुआवजा भी मिल जाएगा। वैष्णव ने बताया कि खात्मा रिपोर्ट भी संलग्न है।

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