♦अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया
बिलासपुर—संजीवनी 108 और 102 के पायलट और ईएमटी कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मरीजों और परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। लोग दूसरे दिन भी निजी साधनो से हॉस्पिटल पहुंचे। शासन ने व्यवस्था को बहाल रखने केल लिए प्राईवेट ड्रायवर और पुलिस जवानों को 108 और 102 में तैनात किया है। संजीवनी इंचार्ज ने मामले में सिविल लाईन थाने में हडताल पर गये कर्मचारियो के खिलाफ शिकायत की है।
प्रदेश में आज दूसरे दिन भी 108 और 102 के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कांग्रेस भवन और नेहरू चौक में धरने पर बैठे हड़तालियों ने मांग पूरी होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया। व्यवस्था ाबहाल करने के लिए शासन ने निजी स्तर पर प्रायवेट ड्रायवरो और पुलिस कर्मियो को संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस की कमान सौपी है।
तोरवा और सिविल लाइन के संजीवनी सेवा को बहाल कर दिया गया है। इधर सारी गाड़िया अब भी लाल बहादूर शाला मैदान में खड़ी हैं। दो दिन में ही हड़ताल का असर दिखायी देने लगा है। सिम्स और जिला चिकित्सालयो में लोग उपचार करवाने भारी परेशानियों के साथ पहुंच रहे हैं। सीएचएमओ सत्य प्रकाश सक्सेना ने बताया कि देर शाम तक सभी 16 गाड़ियां सड़क पर दौड़ने लगेंगी।
108 और 102 के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मरीज और उनके परिजन हलाकान हैं। बिलासपुर जिले के संजीवनी इंचार्ज मनीष सिंह ने सिविल लाइन थाना पहुच कर मामले की शिकायत की है। पुलिस को मनीष सिंह ने बताया कि पायलट, कैप्टन. इंमरजेंसी टेक्नीशियनो ने बल पूर्वक गाड़ी को अपने कब्जे में रखा है। सभी ने बस की चाभी और मोबाइल देने से इंकार कर दिया है। सरकारी काम में बांधा आ रही है। संजीवनी के नहीं चलने से मरीज और उनके परिजन बहुत परेशान हैं।
सीएसपी सिविल लाइन लखन पटले ने बताया कि पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 186, 407, 427, 34 का मामला दर्ज किया है। जल्द ही लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।