131 साल पुराने स्कूल का होगा कायाकल्प

Chief Editor
???????????????????????????????सीजीवॉल की खबर का असर
पेंड्रा (शरद अग्रवाल ) । जहां 131 साल पुराने जनपद स्कूल जिसे कि स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण बंद कर दिया गया था अब इस स्कूल की तकदीर और तस्वीर बदलने वाली है और CGWALL पर  खबर प्रकाशित होने के बाद इसको धरोहर के रूप में संरक्षित करने के लिये जिला पंचायत और स्थानीय जनप्रतिनिधि सामने आये हैं।
चार जुलाई 1884 को पेंड्रा में शिक्षा की पहली नीवं रखीं गयी जबकि आजाद चौक में जनपद प्राथमिक पाठशाला का शुभारंभ किया। इससे बढ़कर और क्या बात होगी कि जिस स्कूल में दादा परदादाओं ने अध्ययन किया आज उसी स्कूल में पोते-परपोते पढ़ रहे हैं। जनपद स्कूल का इतिहास वैसे तो काफी गौरवशाली रहा है, यहाॅं से पढ़- लिखकर निकले बच्चे आज विदेषों में महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित होकर विद्यालय के इतिहास को गौरवपूर्ण ठहरा रहे है यहाॅं से पढ़ लिखकर लोग आगे बढ़ गये मगर यह विद्यालय पिछड़ते गया और शनैः-शनैः गुमनामी की ओर अग्रसर होते जा रहा है। कभी यहाॅं पांच सौ के आस पास बच्चे पढ़ते और इन्हे पढ़ाने के लिए एक दर्जन शिक्षको की तैनाती रहती थी, तब यहाॅं प्रवेश पाने की होड़ मची रहती, पुराने शिक्षको की सेवानिवृत्ति और स्थानान्तरणोपरान्त पद खाली होते गए और शिक्षा की परम्परागत गुणवत्ता में शिक्षको के अभाव की वजह से गिरावट आती गयी यहाॅं दर्ज छात्र संख्या में भी कमी आने लगी और आज आलम यह है कि यहाॅं बमुष्किल 90 छात्र छात्रांए ही अध्ययन कर रहे है वह भी तब जबकि इसी परिसर में स्थित भर्रापारा कन्या प्राथमिक पाठषाला को जनपद स्कूल में समायोजित कर दिया गया है।
स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण स्कूल भवन जर्जर हो गया था और शैक्षणिक सत्र 2015-16 की शुरूआत से ही शाला प्रबंधन ने बच्चों की जान को खतरा भांपते हुये इस जर्जर भवन में ताला जड़ दिया और परिसर में स्थित दो अतिरिक्त कक्षों में स्कूल का संचालन शुरू कर दिया। स्कूल का ताला जहां जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन के मुंह पर तमाचा साबित हो रहा था तो वहीं इस पर समाचार के जरिये हमने ध्यानाकर्शण कराया और तब जाकर इसका असर शुरू हुआ और जिला पंचायत सीईओ डाॅ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुये इस एैतिहासिक महत्व के स्कूल को संवारने का जिम्मा उठाया और उन्होने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के एसडीओ एस के पड़वार को जनपद स्कूल के रखरखाव मरम्मत और जीर्णोद्धार के लिये अविलंब ही एस्टीमेट तैयार करने का निर्देश दिया। वहीं खबर प्रकाशित होने के बाद बीईओ पेंड्रा आर एस परस्ते, नगर पंचायत पेंड्रा के सीएमओ ओम केशरी, अध्यक्ष पति गणेश जायसवाल, पार्षद राकेश चतुर्वेदी और वार्ड पार्षद गणेश जायसवाल स्कूल परिसर पहुंचकर जायजा लिया। सभी ने स्कूल के वर्तमान हालात पर अफसोस जाहिर किया और हर हाल में इसके जीर्णोद्धार और संरक्षण का संकल्प लिया। एसडीओ एस के  पड़वार ने स्कूल भवन का जायजा लिया और प्राथमिक तौर पर आॅकलन करते हुये आॅर्किटेक्ट की मदद से प्रस्ताव तैयार कर जिला पंचायत सीईओ को तैयार कर भेजने की बात कही है। इस प्रकार जिला प्रशासन के रूख को देखते हुये यह कहना गलत नहीं होगा कि 131 साल पुराने जनपद स्कूल की तकदीर अब संवरने वाली है।
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जल्दी होगा जीर्णोद्धार- भूरे सीईओ जिला पंचायत बिलासपुर 
जनपद स्कूल का इतिहास काफी महत्वपूर्ण है और इसके लिये मैने एसडीओ को निर्देशित किया है जल्द ही इसके जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करा दिया जावेगा।
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शहर का गौरव है स्कूल-अरूणा गणेश जायसवाल, अध्यक्ष, नगर पंचायत पेंड्रा
       इस स्कूल में हमारे पूर्वजों ने भी अध्ययन किया है और इसका इतिहास शहर के लिये गौरवान्वित करने वाला है हमने अधिकारियों से मांग की है कि इसको संरक्षित किया जावे और इसके लिये पहल शुरू कर दी है।
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