नईदिल्ली।लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 15 अगस्त का संबोधन इस बार छोटा हो सकता है । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा भाषण थोड़ा लम्बा हो जाता है, इस बार मैंने मन में कल्पना की है कि मैं इसे छोटा करूं। आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त को देश के प्रधान सेवक के रूप में मुझे लाल किले से देश के साथ संवाद करने का अवसर मिलता है। मैं तो एक निमित्त-मात्र हूँ। वहाँ वो एक व्यक्ति नहीं बोलता है। लालकिले से सवा-सौ करोड़ देशवासियों की आवाज़ गूँजती है। उनके सपनों को शब्दबद्ध करने की कोशिश होती है और मुझे खुशी है कि पिछले 3 साल से लगातार 15 अगस्त निमित्त देश के हर कोने से मुझे सुझाव मिलते हैं कि मुझे 15 अगस्त पर क्या कहना चाहिए? किन मुद्दों को लेना चाहिए? इस बार भी मैं आपको निमंत्रित करता हूँ। माईजीओवी पर या तो नरेन्द्र मोदी एप पर आप अपने विचार मुझे ज़रूर भेजिए।
मोदी ने कहा, ‘‘मैं स्वयं ही उसे पढ़ता हूँ और 15 अगस्त को जितना भी समय मेरे पास है, उसमें इसको प्रगट करने का प्रयास करूँगा। पिछले 3 बार के मुझे मेरे 15 अगस्त के भाषणों में एक शिकायत लगातार सुनने को मिली है कि मेरा भाषण थोड़ा लम्बा हो जाता है। इस बार मैंने मन में कल्पना तो की है कि मैं इसे छोटा करूँ। ज्यादा से ज्यादा 40-45-50 मिनट में पूरा करूँ। मैंने मेरे लिये नियम बनाने की कोशिश की है; पता नहीं, मैं कर पाऊँगा कि नहीं कर पाऊँगा। लेकिन मैं इस बार कोशिश करने का इरादा रखता हूँ कि मैं मेरा भाषण छोटा कैसे करूँ! देखते हैं, सफलता मिलती है कि नहीं मिलती है।’’